अदालत ने मामा -भांजे के विरुद्ध दिये मुकदमा दर्ज कें आदेश
आगरा 03 अप्रैल ।
फर्जी स्टाम्प पेपर, फर्जी नोटरी एवं रविवार के दिन का जमीन का बैनामा बना धोखाधड़ी करने पर एसीजेएम 1 माननीय पंकज कुमार ने थानाध्यक्ष जगदीशपुरा को मामा एवं भांजे के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिये।
मामले के अनुसार वादी मुकदमा धर्मेंद्र शर्मा ने अदालत में मुकदमा दर्ज कराने के बाबत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि उसकी दादी श्रीमती त्रिवेणी देवी ने गढ़ी भदौरिया स्थित अपनी 6 विसवां जमीन का 23 सितम्बर 1988 में विनोद कुमार शर्मा कें हक में मुख्तार नामा किया था।
विनोद कुमार शर्मा ने उक्त संपत्ति का बैनामा श्रेष्ठ सहकारी आवास समिति लिमिटेड कें हक में कर धनराशि प्राप्त कर ली । संपत्ति के बेनामे के उपरांत उक्त संपत्ति मे विनोद कुमार शर्मा का कोई भी अंश नहीँ बचा। उसके बाबजूद विनोद कुमार शर्मा ने वादी की 200 वर्गगज जमीन का विक्रय पत्र नोटरी के माध्यम से तैयार करा अपने भांजे श्री भगवान के हक में निष्पादित कर दिया।
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श्री भगवान शर्मा ने वादी के विरुद्ध उसी विक्रय पत्र कें आधार पर सिविल अदालत में मुकदमा प्रस्तुत कर दिया। जांच कराने पर ज्ञात हुआ कि विपक्षी गण द्वारा तैयार कराया गया विक्रय पत्र पूर्णतया फर्जी था ।
उसमें फर्जी स्टाम्प, फर्जी नोटरी के हस्ताक्षर के साथ साथ रविवार के अवकाश की दिनांक नियत थी। श्री भगवान द्वारा किया गया मुकदमा 22 फरवरी 24 को अदालत ने निरस्त कर दिया ।
जिसके बाद वादी ने आरोपियों कें विरुद्ध कार्यवाही शुरू की। अदालत ने वादी के वरिष्ठ अधिवक्ता राम प्रकाश शर्मा, पुष्पेंद्र पचौरी एवं हरशुल राठौर के तर्क पर आरोपी मामा भांजे कें विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश थानाध्यक्ष जगदीशपुरा को दिये।
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