आगरा/प्रयागराज 21 जनवरी ।
एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक फेरबदल में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 20 जनवरी, 2025 को उत्तर प्रदेश भर में 114 न्यायिक अधिकारियों के लिए तबादला आदेश जारी किए।
इस बड़े फेरबदल में विभिन्न जिलों के जिला और सत्र न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश और सिविल न्यायाधीश शामिल हैं, जिसका उद्देश्य पूरे राज्य में न्यायिक कामकाज को अनुकूलित करना है।
अधिसूचना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
– विशेष नियुक्तियाँ: यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो ) अधिनियम, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और यू.पी. आवश्यक वस्तु अधिनियम जैसे अधिनियमों के तहत कई न्यायाधीशों को विशेष न्यायाधीश के रूप में नामित किया गया था।
– पारिवारिक न्यायालय में पदस्थापना: बरेली, गाजियाबाद और वाराणसी जैसे जिलों में पारिवारिक न्यायालयों में कई न्यायिक अधिकारियों को प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है।
– भ्रष्टाचार निरोधक और फास्ट-ट्रैक न्यायालय: महिलाओं के विरुद्ध अपराधों से निपटने वाली फास्ट-ट्रैक अदालतों और विशेष भ्रष्टाचार निरोधक पीठों में कई न्यायाधीशों को पुनः नियुक्त किया गया।
प्रमुख तबादलों में श्रीमती बबीता रानी को शाहजहांपुर से लखनऊ जिला न्यायाधीश के पद पर स्थानांतरित किया गया है।

श्री मनोज कुमार राय, पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण, देवरिया को जिला एवं सत्र न्यायाधीश, हमीरपुर बनाया गया है।
श्री राम प्रताप सिंह राणा, विशेष न्यायाधीश/अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रयागराज को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रयागराज बनाया गया है।
श्री विष्णु कुमार शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, हमीरपुर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश, शाहजहांपुर बनाया गया है।
आदेशों में तत्काल कार्रवाई पर जोर दिया गया है, अधिकारियों को बिना देरी किए अपनी नई भूमिकाएं संभालने का निर्देश दिया गया है, ताकि चल रही न्यायिक प्रक्रियाओं में न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित हो सके। इस पुनर्गठन से न्यायिक दक्षता को सुव्यवस्थित करने की उम्मीद है, विशेष रूप से संवेदनशील मामलों से निपटने वाले विशेष और फास्ट-ट्रैक न्यायालयों में।
विस्तृत पोस्टिंग आदेशों और आगे के निर्देशों के लिए, हाईकोर्ट की आधिकारिक अधिसूचना देखे । ट्रांसफर सूची संलग्न है ।
Attachment – Judge’s Transfer
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Group Bulletin & Channel Bulletin
- आगरा में मां की निर्मम हत्या के आरोपी पुत्र को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा - October 25, 2025
- आगरा अदालत में गवाही के लिए हाजिर न होने पर विवेचक पुलिस उपनिरीक्षक का वेतन रोकने का आदेश - October 25, 2025
- 25 साल बाद फिरौती हेतु अपहरण के 6 आरोपी बरी, अपहृत ने नकारी गवाही - October 25, 2025






