ताजमहल तेजोमहालय में पूजा अर्चना की मांग पर फिर टली सुनवाई, अब 6 मार्च को होगी अगली सुनवाई ।

न्यायालय मुख्य सुर्खियां
वादी कुंवर अजय तोमर का ऐलान प्रयागराज महाकुंभ में 26 जनवरी को तेजोमहालय मुक्ति हेतु चलाया जाएगा हस्ताक्षर अभियान, किया जाएगा जनजागरण।

आगरा 20 जनवरी ।

ताजमहल तेजोमहालय में जलाभिषेक दुग्धाभिषेक एवं अन्य हिंदू त्योहारों पर पूजा अर्चना की मांग को लेकर दायर वाद पर सोमवार को सुनवाई होनी थी । किंतु प्रतिवादी एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ राजकुमार पटेल के अधिवक्ता और मामले में पक्षकार बनने की अर्जी देने वाले सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने अदालत से फिर समय मांगा है । जिस पर न्यायाधीश माननीय मृत्युंजय श्रीवास्तव ने अगली सुनवाई की तारीख 6 मार्च नियत की है ।

वादी योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने कहा कि एएसआई और सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी मिलकर अदालत का समय बर्बाद कर रहे हैं उनके पास कोई ठोस साक्ष्य नहीं है हमारे साक्ष्य मजबूत है आने वाले समय में हमारी जीत होगी । उन्होंने ऐलान किया है कि प्रयागराज महाकुंभ में 26 जनवरी को तेजोमहालय मुक्ति हेतु हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा और जनजागरण किया जाएगा ।

महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों से, जूना अखाडा निर्वाणी अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा आदि एवं प्रमुख संतों और महामंडलेश्वरों से ताजमहल तेजोमहालय आंदोलन को धार देने के लिए समर्थन पत्र लिया जाएगा ।

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वादी अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर का कहना था कि एएसआई के अधिवक्ता और मुस्लिम पक्ष दोनों नहीं चाहते की तेजोमहालय की सच्चाई सामने आ सके इसलिए बार-बार मामले को टाल रहे हैं और चाहते हैं कि मामला अदालत में लंबित बना रहे लेकिन हमें भगवान महादेव पर विश्वास है हमारी जीत होगी और अंत में प्रार्थी मुस्लिम पक्ष का प्रार्थना पत्र निरस्त होगा ।

पिछली सुनवाई 16 दिसंबर 2024 को हुई थी जिसमें मुस्लिम समुदाय के सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के अधिवक्ता पेश नहीं हुए थे इसलिए बहस नहीं हो सकी । कांग्रेस नेता सैयद इब्राहिम हुसैन ने ताजमहल को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताते हुए पक्षकार बनने को अर्जी दी हुई है जिस पर वादी के अधिवक्ता ने 7 अक्टूबर को आपत्ति दाखिल करते हुए कहा था कि ताजमहल सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी की कोई प्राईवेट प्रोपर्टी नहीं है ना हीं वो शाहजहां मुमताज के वंशज इसलिए उन्हें पक्षकार ना बनाया जाएं ।

वहीं 27 नवंबर को हुई सुनवाई में प्रतिवादी एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ राजकुमार पटेल के अधिवक्ता ने भी सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के पक्षकार बनने वाली अर्जी पर आपत्ति दाखिल की थी और कहा था की ताजमहल से संबंधित जानकारी मुहैया कराना और केस लड़ना एएसआई की जिम्मेदारी है सैयद इब्राहिम हुसैन को कोई अधिकार नहीं है ।

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वहीं पूर्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्लेसेज ऑफ़ वर्शिप एक्ट 1991 पर सुनवाई करते हुए अभी नई मुकदमे न्यायालय में लेने पर एवं मंदिर मस्जिद से जुड़े लंबित मुकदमों में निचली अदालतों को कोई भी आदेश जारी करने पर भी रोक लगा दी गई है।

ज्ञातव्य है कि ताजमहल को तेजोमहालय शिव मंदिर बताते हुए 23 जुलाई को सावन के महीने में जलाभिषेक दुग्धाभिषेक और अन्य हिंदू त्योहारों पर पूजा अर्चना की मांग को लेकर योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने अपने अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर एवं झम्मन सिंह रघुवंशी के द्वारा वाद दायर किया था ।

उनका कहना है कि राजा परमार्दिदेव देव द्वारा 1155 से 1212 के मध्य में बनवाया गया तेजोमहालय शिव मंदिर बताया था और बाद में राजा मानसिंह एवं राजा जयसिंह ने इसे अपना महल बनाया और शिव मंदिर सुरक्षित रखा…जिसे शाहजहां ने अपने शासनकाल में राजा जयसिंह से धोखे से हड़प लिया और झूठी कहानी लिखी गई कि यहां शाहजहां मुमताज की कब्र है और मकबरा है । ताजमहल तेजोमहालय शिव मंदिर है करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है जिसे लेकर रहेंगे ।

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विवेक कुमार जैन
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