■ वादी नें वर्ष 19 83 में किया था मुकदमा
■ अदालत नें वर्ष 1989 में वादी कें पक्ष में पारित कियें थें आदेश
■ वर्ष 1989 में अदालत नें की थी एग्जीक्यूशन की कार्यवाही
■ पुलिस एवं प्रशासन द्वारा निरन्तर गेंद एक दूसरें कें पालें में डाली जा रहीं थीं
■ अदालत नें थानाध्यक्ष कें विरुद्ध भी अवमानना कें बाबत आदेश कियें थें पारित
■ सिविल जज सीनियर डिवीजन शिवा नन्द गुप्ता कें आदेश पर कोर्ट अमीन नें दिलाया कब्जा
पुलिस एवं प्रशासन कें मकड़ जाल में फंसे वादी को आखिकार मुकदमा दायर करनें कें 41 वर्ष बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन शिवा नन्द गुप्ता नें उसकी 16 बीघा भूमि पर कोर्ट अमीन राकेश गुर्जर कें माध्यम से कब्जा दिला बड़ी राहत प्रदान की।
मामलें कें अनुसार वादी मुकदमा फूल सिंह पुत्र निरोत्तम सिंह निवासी गांव मजे ह रा, थाना फतेहाबाद, जिला आगरा नें अपनी 16 बीघा जमीन को कब्जा मुक्त करानें कें बाबत विपक्षी श्रीमती कला वती पत्नी स्व, सुम्मेरा एवं अन्य कें विरुद्ध वर्ष 1983 में तत्कालीन सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में मुकदमा दायर किया था , अदालत नें वर्ष 19 89 में उक्त मामलें में वादी मुकदमा कें पक्ष में आदेश पारित करतें हुये एग्जीक्यूशन (निष्पादन की कार्यवाही) शुरू करनें कें आदेश दियें थें |
लंबे समय से उक्त मामला पुलिस एवं प्रशासन कें मकड़ जाल में फंसा रहा, सिविल जज सीनियर डिवीजन शिवा नन्द गुप्ता नें वादी को उसकी 16 बीघा जमीन पर कब्जा दिलानें हेतु कोर्ट अमीन राकेश गुर्जर कें नाम परवाना जारी किया, कोर्ट अमीन नें दरोगा को अदालत द्वारा पारित आदेश कें बारें में बताया तो उन्होनें कहा कि उक्त भूमि पर तीन विधवा महिला हैं जगह खाली होनें पर वह कहां जायेंगी ,उसनें एस, डी,एम को अवगत करा दिया हैं, जब तक उनका आदेश नहीं आ जाता हम फोर्स उपलब्ध नहीं करा सकतें |
आपको कानपुर वाले मामलें की जानकारी तो होगी, वहां क्या हुआ था, मौकें पर हालत बहुत खराब हैं, जिस पर अदालत नें दरोगा को स्पस्टीकरण कें आदेश दियें थें की क्यों न उनकें विरुद्ध अवमानना की कार्यवाही अमल में लायी जायें, अदालत कें आदेश पर कोर्ट अमीन राकेश गुर्जर नें वादी मुकदमा को 41 वर्ष बाद उसकी 16 बीघा जमीन पर कब्जा दिला बड़ी राहत प्रदान की।
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