भाभी ने अदालत में दिया था आरोपी बनाने का प्रार्थना पत्र
आगरा 30 सितंबर ।
सिविल जज जूनियर डिवीजन माननीय हर्षिता ने ननद को भी आरोपी बनाने हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र को खारिज करने के आदेश दिये।
मामले के अनुसार वादनी मुकदमा श्रीमती कुलदीप त्रिपाठी ने 7 अक्टूबर 1999 में अपने ससुरालीजनों के विरुद्ध दहेज उत्पीड़न, मारपीट एवं गाली गलौज की धारा के तहत थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
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मुकदमें के विवेचक द्वारा 18 जनवरी 2000 को विवेचना उपरांत वादनी के पति अरविंद कुमार त्रिपाठी, सास सरला त्रिपाठी एवं ससुर सूबेदार त्रिपाठी निवासी गण कृष्णा कुंज हलवाई की बगीची थाना हरीपर्वत, जिला आगरा के विरुद्ध अदालत मे आरोप पत्र प्रस्तुत किया था।

उक्त मामले मे वादनी के ससुर एवं सास की मृत्यु हो जाने पर अदालत ने उनके विरुद्ध कार्यवाही समाप्त कर दी । वादनी के अदालत में बयान होने पर उसने अपनी ननद जयंती देवी पत्नी अनिल कुमार दुबे पर भी अपने साथ मारपीट करने, दहेज उत्पीड़न आदि का आरोप लगा 319 द.प्र.स. के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर अदालत में तलब करनें हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था।
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वादनी की ननद जयंती देवी के अधिवक्ता नीरज पाठक ने वादनी के प्रार्थना पत्र पर विरोध व्यक्त करते हुये तर्क दियें कि जयंती देवी का नाम तहरीर में अंकित नहीँ हैं उसकें द्वारा क्या दहेज की मांग की यह भी वर्णित नहीँ किया गया हैं ।
घटना की कोई विशिष्ट तिथि का भी वादनी ने कोई उल्लेख नहीं किया हैं । ननद के विरुद्ध कोई भी सबूत पत्रावली पर उपलब्ध नहीं है। ननद की शादी 28 वर्ष पूर्व हो गयी थी।

वह अपने पति के साथ रहती हैं इतने वर्ष बाद ननद को आरोपित एवं अदालत में तलब करनें का कोई औचित्य एवं आधार नहीं हैं।
अदालत ने ननद के अधिवक्ता नीरज पाठक के तर्क पर वादनी का प्रार्थना पत्र खारिज कर उसे राहत प्रदान की।
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