आगरा 6 सितंबर।
चैक डिसऑनर होने के मामले मे आरोपित संजीव शर्मा पुत्र गुरु प्रसाद शर्मा निवासी शास्त्रीपुरम को तकनीकी आधार पर विशेष न्यायालय एन.आई. एक्ट के पीठासीन अधिकारी माननीय सतेंद्र सिंह ने बरी करने के आदेश दिये हैं।
मामले के अनुसार वादी मुकदमा एवं आरोपी के एक ही कॉलोनी में रहने के कारण उनके मध्य मित्रता थी।
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आरोपी ने अपने एडीए के प्लॉट के सौदे का एग्रीमेंट वादी की पत्नी सरिता देवी के नाम कर अग्रिम राशि के रूप में चार लाख तीस हजार रुपये एडीए की क़िस्त जमा कराने के नाम पर प्राप्त किये थे।
आरोपी द्वारा उक्त प्लॉट अन्य को बेच देने पर वादी ने अपनी रकम का आरोपी से तगादा किया ।आरोपी द्वारा दिया गया चैक डिसऑनर होनें पर वादी ने आरोपी के विरुद्ध उक्त मुकदमा अदालत में प्रस्तुत किया।
विशेष न्यायालय एन.आई. एक्ट के पीठासीन अधिकारी माननीय सतेंद्र सिंह ने माना कि परिवाद विधिक रूप से त्रुटि पूर्ण है।
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आरोपी ने चैक वादी मुकेश सिंह की पत्नी सरिता देवी के नाम जारी किया था । उसी को आरोपी के विरुद्ध नोटिस देने एवं मुकदमा करने का अधिकार था।
वादी को बिना किसी उचित अधिकार पत्र के मुकदमा दायर करने का अधिकार नहीं था। वादी ने तथ्यों को छुपा गलत मंशा से उक्त परिवाद दायर किया।
जिसके आधार पर उक्त मुकदमा खारिज करने के अदालत ने आदेश पारित किये।
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