आगरा 16 अक्टूबर ।
सीजेएम आगरा माननीय अचल प्रताप सिंह ने थाना अध्यक्ष न्यू आगरा द्वारा कोर्ट के बार-बार आदेशों की अवहेलना करने तथा समय से आख्या प्रस्तुत न करने एवं कोर्ट द्वारा पूर्व तिथि 10 अक्टूबर 24 को कारण बताओ नोटिस जारी करने के बावजूद भी कोर्ट में होकर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत न करने सख्त रूप अपनाते हुए थाना अध्यक्ष न्यू आगरा के विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज कर 17 अक्टूबर 2024 को कोर्ट में हाजिर होने के लिए सम्मन जारी किया है।
Also Read – आगरा की मोटर दुर्घटना अदालत ने दुर्घटना में मृत कार चालक के परिजनों को 9 लाख 37 हजार दिलाने के दिए आदेश
कोर्ट में अपराध संख्या 475 सन 2016 राज्य बनाम अज्ञात अंतर्गत धारा 457 380 आईपीसी के तहत वादी अजय अग्रवाल ने 14 जून 2016 को थाना न्यू आगरा पर उक्त रिपोर्ट दर्ज कराई थी ।
वादी के द्वारा दर्ज एफआईआर की विवेचना विवेचक नाहर सिंह द्वारा की गई थी । विवेचना पूर्ण करते हुए विवेचक ने उक्त मामले में 6 अक्टूबर 2016 को चार्ज शीट कोर्ट में पेश कर दी । चार्ज शीट कोर्ट में प्रस्तुत होने के बाद आज दिनांक तक प्रार्थी वादी के कोई बयान नहीं कराए गए और ना ही कोई सम्मन वादी को भेजा गया है ।
Also Read – कंगना रनौत के मामले में आगरा की अदालत में गुरुवार को होंगे गवाहों को बयान दर्ज
वादी के जेवर के साथ-साथ नगद ₹30,000/- थाना न्यू आगरा के माल खाने में जमा है।जिसे वादी अपने हक में रिलीज कराना चाहता है । 22 मई 2024 को वादी द्वारा माल खाने में जमा माल को रिलीज करने के लिए प्रार्थना पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया था। जिस पर कोर्ट द्वारा बार-बार थाना न्यू आगरा से आख्या मांगी गई ।
आख्या प्राप्त न होने पर कोर्ट ने 10 अक्टूबर 2024 को थाना प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया और यह भी कहा कि अगर आप अपने विरुद्ध कोर्ट में हाजिर होकर अपना स्पष्टीकरण नहीं देते हैं तो यह समझा जाएगा कि आप को उक्त मामले में कुछ नहीं कहना है ।
Also Read – अवैध गांजा बरामदगी आरोपी की जमानत स्वीकृत
तब फिर आपके विरुद्ध एक पक्षीय दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है ।लेकिन उसके बावजूद भी थाना अध्यक्ष 10 अक्टूबर को कोर्ट हाजिर नहीं हुए और ना ही कोई स्पष्टीकरण दिया और ना ही उक्त मामले में कोई आख्या प्रस्तुत की ।
तब कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए थानाध्यक्ष के विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज कर सम्मन जारी किया है ।वादी की पैरवी अधिवक्ता अधर शर्मा द्वारा की जा रही है।
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Group Bulletin & Channel Bulletin
- सुप्रीम कोर्ट ने चेक अनादर मामले पर कहा है कि अगर कंपनी को आरोपी के रूप में नहीं जोड़ा गया है तो यदि चेक पर हस्ताक्षर करने वाला निदेशक अनादर के लिए नहीं है उत्तरदायी - December 23, 2024
- EXCLUSIVE – सेना का अधिकारी बनकर किया विदेशी महिला के साथ दुराचार - December 22, 2024
- लूट एवं बरामदगी का आरोपी बरी - December 21, 2024