मैसर्स यू3 एस बेंचर फर्म के नाम से 1 अप्रेल 2013 को लिया था 67 लाख का लोन
लोन हेतु बैंक में बंधक रखीं सपंत्ति भी अन्य व्यक्ति को बेच दी
अदालत ने फर्म की पार्टनर श्रीमती सुनीरा सक्सैना, श्रीमती सीमा मोहन सक्सैना एवं ऋषभ मोहन सक्सैना के विरुद्ध मुक़दमें के दिए आदेश
आगरा 11 दिसम्बर ।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लाखों की धोखाधड़ी एवं अन्य आरोप में एसीजेएम 8 माननीय दीपांकर यादव ने फर्म पार्टनर श्रीमती सुनीरा सक्सैना, श्रीमती सीमा मोहन सक्सैना एवं ऋषभ मोहन सक्सैना के विरुद्ध थानाध्यक्ष एत्माद्दोला को मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिये है ।
मामले के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नुनिहाई शाखा के प्रबंधक ने अपने अधिवक्ता राजेशकुमार गुप्ता के माध्यम से अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि मैसर्स यू,3 एस, बेंचर फर्म की श्रीमती सुनीरा सक्सैना एवं श्रीमती सीमा मोहन सक्सैना एवं अन्य पार्टनर हैं।
श्रीमती सीमा मोहन सक्सैना द्वारा 1 अप्रेल 2013 को ए.बी.एल. योजना के तहत फर्म के नाम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नुनिहाई शाखा से 67 लाख का लोन लें उसके एवज में तीन प्लॉट बैंक में बंधक रखें थे। उन्होनें बैंक की क्रेडिट सुविधाओं का भी उपयोग किया ।प्रबंधक के अनुसार इनके द्वारा 10 लाख एवं 2 लाख 95 हजार रुपये के दो लोन भी लिये गयें।
आरोपियों द्वारा बैंक की धनराशि जमा नहीं कराने पर 28 जून 21 को खाता एनपीए हो जाने पर बैंक द्वारा लोन की भरपाई हेतु श्रीमती सुनीरा मोहन सक्सैना, श्रीमती सीमा मोहन सक्सैना एवं ऋषभ मोहन सक्सैना से संपर्क किया परन्तु वह टालमटोल करने लगे। बैंक के पैनल अधिवक्ता द्वारा तहकीकात करने पर ज्ञात हुआ कि आरोपियों ने एक तो बैंक का लोन नहीँ चुकाया और साथ ही बैंक में बंधक रखी एक सपंत्ति को भी धोखाधड़ी के तहत अन्य को बेच दिया।
एसीजेएम 8 माननीय दीपांकर यादव नें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से उपस्थति अधिवक्ता के तर्क पर थानाध्यक्ष एत्माद्दोला को मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दियें।
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