इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से प्रदेश के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों में प्रोफेशनल स्किल विकास व कानूनी प्रक्रिया की जानकारी के लिए सरकार देगी प्रशिक्षण

उच्च न्यायालय मुख्य सुर्खियां
एसीएस गृह दीपक कुमार ने कोर्ट को दी जानकारी
कोर्ट ने प्रशिक्षण की रूपरेखा के साथ सचिव स्तर के अधिकारी का मांगा हलफनामा
एसडीएम मंझनपुर की रिपोर्ट व एसएचओ, नोडल अधिकारी करारी की रिपोर्ट की पुनः जांच करने का निर्देश, रिपोर्ट तलब

आगरा/प्रयागराज 20 अक्टूबर ।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हाजिर अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि गैंग्स्टर एक्ट के तहत गैंग चार्ट तैयार करने के लिए जिले स्तर पर अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। जिसमें विधिक प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी और वर्क कल्चर बढ़ाने व प्रोफेशनल स्किल विकसित की जायेगी।

जिलाधिकारी व एसपी कौशांबी ने भी एसएचओ की रिपोर्ट पर याची का गैंग चार्ट अनुमोदित करने पर सफाई दी, जिसे कोर्ट ने संतोषजनक नहीं माना और कहा प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों में प्रोफेशनल स्किल बढ़ाने के लिए लगातार प्रशिक्षित करने की जरूरत है।

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कोर्ट ने कहा एसएचओ, दरोगा की रिपोर्ट पर गैंग चार्ट का मनमाना अनुमोदन नहीं किया जाय, नियमों का पालन किया जाय। कोर्ट ने एसडीएम मंझनपुर की रिपोर्ट व नोडल अधिकारी व एसएचओ करारी की रिपोर्ट की उप सचिव स्तर के अधिकारी से फिर से जांच कराने का आदेश दिया और अधिकारियों के प्रशिक्षण की रूपरेखा के साथ गृह विभाग के सचिव स्तर के अधिकारी का हलफनामा मांगा है।

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याचिका की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने विनय कुमार गुप्ता की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

याचिका पर अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्र व देवेंद्र मिश्र ने बहस की। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह, जिलाधिकारी व एसपी कौशांबी की हाजिरी माफ कर दी है।

राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता पी.के. गिरी व एजीएस विभव आनंद ने सरकार का पक्ष रखा।

बताया कि सरकार गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए जिले स्तर पर संबंधित सभी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सभी को कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी और प्रोफेशनल स्किल विकास के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा।

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याची अधिवक्ता का कहना था कि एसएचओ, दरोगा की मनमानी रिपोर्ट पर गैंग चार्ट का अनुमोदन कर आम नागरिकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। गैंगस्टर एक्ट व नियमावली की अनदेखी की जा रही है।

नियमानुसार जिले स्तर के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक होनी चाहिए और गैंग चार्ट अनुमोदित करने का सकारण आदेश होना चाहिए। जिसका पालन किए बगैर याची का गैंग चार्ट तैयार कर लिया गया और जिलाधिकारी ने अनुमोदित कर दिया।

जिसे याचिका में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि पर जांच रिपोर्ट मांगी है।

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मनीष वर्मा
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