आगरा /प्रयागराज 15 सितंबर।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलाक मामले में पत्नी के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेषज्ञ की राय लेने के प्रधान न्यायाधीश परिवार अदालत हाथरस के आदेश को सही मानते हुए उसे बरकरार रखा है।
अपीलकर्ता पत्नी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें प्रधान न्यायाधीश परिवार अदालत हाथरस के आदेश को चुनौती दी गई थी। परिवार अदालत ने पति के पत्नी से तलाक की कार्यवाही में पत्नी की चिकित्सा जांच की अनुमति दी थी।
Also Read - आगरा में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ छह लाख उन्नचास हजार दो सौ बत्तीस (6,49,232) लम्बित वादों का निस्तारण
हाईकोर्ट में अपीलकर्ता पत्नी के वकील ने ट्रायल कोर्ट के चिकित्सा जांच की अनुमति को विभिन्न आधार पर चुनौती दी गई थी। पत्नी के खिलाफ अपने आदेश में ट्रायल कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों पर आपत्तियां उठाई गईं। इस आशंका के साथ कि वे मामले के अंतिम निपटान के दौरान प्रतिकूल निष्कर्ष निकाल सकते हैं।
अपील में कहा गया कि सीएमओ हाथरस को उचित मेडिकल बोर्ड का गठन करना चाहिए था। इस तर्क पर न्यायालय ने पाया कि रिपोर्ट अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से मांगी गई है,जो कि एक सरकारी सुविधा नहीं है।
तदनुसार, न्यायालय ने निर्देश दिया कि चीफ मेडिकल अधिकारी हाथरस द्वारा मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए, जिसमें योग्य न्यूरोलॉजिस्ट और मनोचिकित्सक के साथ-साथ ऐसे अन्य डॉक्टर शामिल होने चाहिए, जो जरूरी मूल्यांकन करने के लिए आवश्यक हो।
जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस डोनाडी रमेश की पीठ ने अपीलकर्ता पूजा की अपील पर कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित पहले का आदेश अंतरिम आदेश था और पत्नी के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए साक्ष्य के स्तर पर मेडिकल जांच के लिए बुलाना सही था।
Also Read - इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अवैध विवाह कराने वाली आर्य समाज मंदिरों/ संस्थाओं की जांच के दिए आदेश
उस हद तक ट्रायल कोर्ट ने साक्ष्य के स्तर पर मेडिकल राय मांगने में कोई गलती नहीं की है।
हाईकोर्ट ने कहा कि वर्तमान में पक्षों का साक्ष्य समाप्त हो चुका है। तदनुसार, पत्नी द्वारा दायर अपील को इस निर्देश के साथ कोर्ट ने निस्तारित किया कि सीएमओ हाथरस द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रस्तुत मेडिकल रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Group Bulletin & Channel Bulletin
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मृतक आश्रित कोटे में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति को दिया असंवैधानिक करार - April 19, 2025
- इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई दाखिल फतेहपुर में मस्जिद ध्वस्तीकरण के डीएम के आदेश के खिलाफ याचिका - April 19, 2025
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा वैदिक या हिंदू रीति-रिवाजों से संपन्न विवाह हिंदू विवाह अधिनियम के तहत वैध,विवाह स्थल महत्वपूर्ण नहीं, संस्कार जरूरी - April 18, 2025