कोर्ट में करेंगे आत्मसमर्पण, नियमित जमानत के लिए दायर करेंगे याचिका
पीड़िता की घायल दादी की पैरवी से नही हो सकी आरोपियों की अग्रिम जमाना
आगरा 20 सितंबर।
नाबालिग के साथ गैंगरेप और शादी के लिए राजस्थान में किशोरी को बेचने के आरोपियों की अग्रिम जमानत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। आरोपियों के अधिवक्ता ने याचिका वापस ले ली है।
उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण कर नियमित जमानत के लिए याचिका दायर करेंगे। बलात्कार करने वाले दो तांत्रिकों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। मुख्य आरोपी फरार हैं।
अस्मत लूटकर राजस्थान में किया सौदा थाना सैंया अंतर्गत एक गांव की नाबालिग किशोरी अपनी दादी के साथ शादी में जगदीशपुरा आई थी। जहां शकुन्तला, आरती, रेशमा और सनी किशोरी को तांत्रिक के पास ले गए। जहां तांत्रिक ने उसके साथ बलात्कार किया। आरोपी उसे अछनेरा तांत्रिक के पास ले गए। वहां भी किशोरी के साथ तांत्रिक ने बलात्कार किया।
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इसके बाद किशोरी को कोटा राजस्थान ले जाकर साढ़े चार लाख रुपए में शादी करने के लिए राकेश को बेच दिया। किसी तरह जान बचाकर भागी तो लुटेरी दुल्हन बताकर पुलिस थाने ले गए। जहां पुलिस ने किशोरी को मानव तस्करों के ही सुपुर्द कर दिया।
आगरा लाकर उसे अन्य जगह बेचने की तैयारी थी। इसी बीच मौका पाकर किशोरी छत से कूदकर भाग निकली और किसी तरह रिश्तेदार के घर जगदीशपुरा पहुंची।
मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद दर्ज हुई रिपोर्ट पीड़िता पिता और दादी के साथ थाने पहुंची थी लेकिन पुलिस ने सीमा विवाद बताकर रिपोर्ट दर्ज नहीं की। मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के बाद थाना जगदीशपुरा में रिपोर्ट दर्ज हुई। जिसमें पीड़िता को ही वादी बना दिया। कमिश्नर के आदेश पर गैंगरेप, मानव तस्करी, अपहरण आदि की धाराएं बढ़ाईं गईं।
चार पसलियां टूटने पर भी दादी पहुंची हाईकोर्ट मुख्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया था। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पीड़िता ने अपनी दादी के साथ शहीद स्मारक पर धरना दिया था तथा उच्च अधिकारियों से मुलाकात की लेकिन मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई।इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस ने भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए पीड़िता की मदद की।
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आरोपियों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की। पीड़िता अपने परिवार के साथ गांव से पलायन कर चुकी है। पीड़िता की दादी गांव से लौटते समय गिर पड़ी जिससे उनकी चार पसलियां टूट गईं। पीड़िता की मां की बचपन में ही मृत्यु हो गई है इसलिए उसकी दादी पैरवी कर रही है।
चार पसलियां टूटी होने के बावजूद भी दादी हाई कोर्ट पहुंची। जहां अधिवक्ता बिपिन चंद्र पाल एवं विकास भारती ने कोर्ट में दमदार पक्ष रखा।
जिरह के बाद हाईकोर्ट ने आरोपियों की अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया।
अभियुक्तों के अधिवक्ता ने कहा कि अभियुक्त कोर्ट में आत्मसमर्पण करेंगे तथा नियमित जमानत की याचिका दायर करेंगे।
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