इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया डीएलएड/बीटीसी परीक्षा के असफल विषयों के लिए अभ्यर्थियों को एक और अवसर

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सरकार की अपील विचारार्थ स्वीकार लेकिन एकल पीठ के आदेश पर कोई स्थगन नहीं

आगरा/ प्रयागराज 04 अक्टूबर।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएलएड/बीटीसी परीक्षा में असफल विषयों के लिए एक और अवसर देने के मामले में राज्य सरकार की अपील को विचारार्थ स्वीकार कर लिया लेकिन स्पष्ट रूप से किसी भी प्रकार का स्थगन देने से इनकार कर दिया।

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यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने सरकारी वकील और छात्रों की ओर से अधिवक्ता जाह्नवी सिंह व कौन्तेय सिंह को सुनकर दिया।

एडवोकेट जाह्नवी सिंह व कौन्तेय सिंह ने कोर्ट को बताया कि एकल पीठ ने आदेश में कहा था कि याचिका में शामिल सभी छात्रों को उनके डीएलएड/बीटीसी परीक्षा में असफल विषयों के लिए फिर से मौका न देकर उनके साथ भेदभाव किया गया है।

एकल पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 14 का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सभी को समान अधिकार देने के लिए बाध्य है और सरकार के सर्कुलरों को वैध मानते हुए छात्रों को एक और अवसर देने का आदेश दिया है।

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अधिवक्ता द्वय ने बताया कि राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश के बाद भी अब तक परीक्षा आयोजित करने की कोई ठोस पहल नहीं की है। इसी को लेकर पहले से अवमानना याचिका भी लंबित है।

उनका कहना था कि सरकार के इस रवैये के कारण छात्रों को अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है।

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल उन छात्रों पर लागू होगा जो इस मुकदमे का हिस्सा हैं।

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मनीष वर्मा
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