इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसडीएम निजामाबाद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से पहले दिया सफाई का मौका

उच्च न्यायालय मुख्य सुर्खियां
दस दिन में याची को घर का कब्जा बहाल करने का निर्देश
अपर आयुक्त को पक्षकार बना मांगा जवाब

आगरा /प्रयागराज 15 नवंबर ।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसडीएम निजामाबाद, आजमगढ़ के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें उन्होंने न्यायालय में मामला लंबित होने के बाद भी याची को घर से बेदखल कर दिया था।

न्यायालय ने आदेश दिया है कि विवादित घर में 10 दिनों के भीतर याची का कब्जा बहाल किया जाए। इसके साथ ही एसडीएम को 26 नवंबर 2024 को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने और यह बताने का निर्देश दिया है कि याची अधिकारों में हस्तक्षेप के लिए मामले में कानूनी कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव, उप्र को क्यों नहीं भेजा जाए ?

यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने फूलमती की याचिका पर दिया है।

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इसके साथ ही न्यायालय ने निर्देश दिया है कि अपर आयुक्त (प्रशासन) और अपर आयुक्त (न्यायिक) अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें और बताएं कि ऐसे आदेश कैसे पारित किए गए थे ?

26 नवंबर 2024 को सुनवाई के लिए तिथि नियत की है।

आजमगढ़ के निजामाबाद की रहने वाली याची फूलमती के घर को लेकर विवाद चल रहा था। सक्षम न्यायालय में मामला लंबित था। इस दौरान उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, निज़ामाबाद ने 25 मार्च 2024 को एक नोटिस जारी कर कहा कि याची का घर पर अवैध रूप से कब्जा है।

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घर खाली करने और मालिक को कब्जा सौंपने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसका अनुपालन नहीं किया गया है। अंतिम चेतावनी के रूप में आपको निर्देश दिया जाता है कि एक सप्ताह के भीतर विवादित परिसर को खाली कर दें और मकान मालिक को कब्जा सौंप दें, अन्यथा परिसर खाली करा लिया जाएगा।

इसके बाद पुलिस टीम के साथ पहुंचकर याची को घर से बाहर कर दिया गया। इस नोटिस को याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।

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मनीष वर्मा
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