बीएचयू पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाया तीस हजार का हर्जाना

उच्च न्यायालय मुख्य सुर्खियां

आगरा/ प्रयागराज 20 सितंबर।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी (बीएचयू)पर तीस हजार रुपए हर्जाना लगाया है। दो हफ्ते में हर्जाना राशि महानिबंधक के समक्ष जमा होगा, जिसे प्रत्येक याची का सत्यापन कर 10-10 हजार रूपए दिए जायेंगे।

Also Read – इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि कई मामलों में ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश ऐसे आरोपियों को दोषी ठहराते हैं जिन्हें बरी किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने यह हर्जाना याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए बार- बार समय दिये जाने व स्टाप आदेश के बावजूद जवाब दाखिल न करने तथा याची को न्याय से वंचित करने के कारण लगाया है।

कोर्ट ने साफ कर दिया है कि 30 सितंबर तक जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया गया तो कोर्ट गुण-दोष पर याचिका बिना बीएचयू के जवाब के तय कर देगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार ने कंचन मौर्या व दो अन्य की याचिका पर दिया है।

कोर्ट ने 8 दिसंबर 23 को चार हफ्ते में जवाब मांगा था। इसके बाद 19 फरवरी 24, 28 मार्च 24 को भी समय दिया गया। शुरुआत में विश्वविद्यालय के अधिवक्ता हेम प्रताप सिंह ने समय मांगा, इसके बाद ममता सिंह ने बीएचयू की तरफ से जवाब के लिए समय मांगा।

ममता की तरफ से अंजली सिंह ने समय मांगा कहा ममता सिंह कोर्ट से जा चुकी है। कोर्ट ने इसे याचिका की सुनवाई में अड़ंगा टैक्टिक्स करार दिया।

कोर्ट ने कहा दो वकीलों का विवाद है कि कौन बहस करेगा किन्तु कोर्ट को विश्वविद्यालय का जवाब आने से सरोकार है। दोनों वकीलों ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।

कोर्ट ने तीस हजार रुपए हर्जाने के साथ तीन हफ्ते का समय दे दिया और कहा फिर भी जवाब नहीं आया तो केस तय कर दिया जाएगा।

Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp  – Group BulletinChannel Bulletin
मनीष वर्मा
Follow Me

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *