अडानी-हिंडनबर्ग मामले में याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में किया अंतरिम आवेदन
आगरा /नई दिल्ली 24 नवंबर ।
एक याचिकाकर्ता द्वारा सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर किया गया, जिसमें गौतम अडानी और अडानी समूह की कंपनियों के अन्य अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप लगाने वाले यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के अभियोग को पेश करने की मांग की गई है ।
यह अंतरिम आवेदन उस याचिका में दायर किया गया, जो पिछले साल हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए दायर की गई थी।

आवेदक एडवोकेट विशाल तिवारी ने कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग के आदेश और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की शिकायत ने
“अडानी समूह द्वारा किए गए कदाचारों को उजागर किया। आरोप इतने गंभीर प्रकृति के हैं कि राष्ट्र के हित में भारतीय एजेंसियों द्वारा भी उनकी जांच की जानी चाहिए।”
आवेदक ने यह भी कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी ) ने 3 जनवरी, 2024 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अडानी कंपनियों के खिलाफ अपनी जांच अभी तक पूरी नहीं की है।
आवेदक ने कहा,
“सेबी को जांच पूरी करके और जांच की रिपोर्ट और निष्कर्ष को रिकॉर्ड में रखकर विश्वास जगाना होगा। चूंकि सेबी की जांच में शॉर्ट सेलिंग के आरोप थे और विदेशी अधिकारियों द्वारा लगाए गए वर्तमान आरोपों का संबंध हो सकता है या नहीं भी हो सकता है, लेकिन सेबी की जांच रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाएगा, जिससे निवेशकों का भरोसा न टूटे।”
आवेदक ने पहले भी आवेदन दायर किया, जिसमें सेबी को अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ जांच पूरी करने का निर्देश देने की मांग की गई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने यह कहते हुए आवेदन को रजिस्टर्ड करने से इनकार कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी के अपने फैसले के अनुसार सेबी के लिए कोई निश्चित समय सीमा तय नहीं की। कोर्ट ने केवल यह कहा कि जांच “अधिमानतः” 3 महीने के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।

Also Read – सत्तर लाख के फ्लैट की धोखाधड़ी एवं अन्य आरोप में दम्पत्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज
पिछले हफ्ते, अमेरिकी न्याय विभाग ने गौतम अडानी, सागर अडानी और कुछ अन्य कंपनी अधिकारियों पर भारतीय कंपनियों को अडानी की सहायक कंपनी से सौर ऊर्जा खरीदने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए अमेरिका में एक मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी योजना बनाने का आरोप लगाते हुए अमेरिकी अदालत में आरोप दायर किए।
यह आरोप लगाया गया कि उनकी गतिविधियों ने अमेरिकी कानूनों विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए ) और विदेशी जबरन वसूली रोकथाम अधिनियम (फेपा ) का उल्लंघन किया।
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Group Bulletin & Channel Bulletin
साभार: लाइव लॉ
- आगरा में मां की निर्मम हत्या के आरोपी पुत्र को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा - October 25, 2025
- आगरा अदालत में गवाही के लिए हाजिर न होने पर विवेचक पुलिस उपनिरीक्षक का वेतन रोकने का आदेश - October 25, 2025
- 25 साल बाद फिरौती हेतु अपहरण के 6 आरोपी बरी, अपहृत ने नकारी गवाही - October 25, 2025






