अदालत ने सरकार से किया जवाब तलब
आगरा /जबलपुर 12 सितंबर,
मध्य प्रदेश की सड़कों पर गड्ढे और आवारा मवेशियों की वजह से आए दिन हो रहे सड़क हादसों पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सख्त रुख इख्तियार कर लिया है। इस मामले में कोर्ट ने राज्य शासन और संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने चार हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
दरअसल, इस मामले को लेकर जबलपुर के अधिवक्ता प्रांजल तिवारी ने जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग-43 और 45 के रखरखाव की कमी पर चिंता जताई थी। साथ ही याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि इन मार्गों पर गड्ढों और आवारा मवेशियों की वजह से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई लोगों की जान भी चली गई।
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‘चार हफ्ते में दाखिल करें जवाब’
हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के बाद राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने गड्ढों और मवेशियों की समस्या पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य शासन और संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की पीठ ने इस मामले में राज्य शासन, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव, एमपीआरडीसी के प्रबंध निदेशक और एनएचएआई को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब देने का निर्देश दिया है।
टोल सड़कों का भी है बुरा हाल
खास बात ये है कि जिन सड़कों की बदतर हालत को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। वे सभी टोल सड़कें हैं, फिर भी इनके रखरखाव और मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
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कई संगठनों ने भी इस मुद्दे को उठाया, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। लिहाजा, अब याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से निवेदन किया है कि इन सड़कों के रखरखाव और मरम्मत के लिए संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए।
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