अदालत ने अत्यंत संवेदनशील मामले में विवेचक द्वारा की गई स्तर हीन विवेचना को अत्यंत आपत्तिजनक माना
अदालत ने आदेश की प्रति जिलाधिकारी एवं पुलिस आयुक्त को प्रेषित करने के दिये आदेश
आगरा 23 दिसम्बर ।
हत्या, आपराधिक षड्यन्त्र एवं आयुध अधिनियम के तहत आरोपित राम सेवक पुत्र सरदार सिंह निवासी मस्ता की बगीची, थाना हरीपर्वत जिला आगरा एवं रनवीर पुत्र रमेश सिंह निवासी ग्राम मल्लाहपुरा, थाना फतेहाबाद जिला आगरा को अपर जिला जज 6 माननीय नीरज कुमार महाजन ने पुलिस द्वारा विवेचना में बरती गई लापरवाही पर बरी करने के आदेश दिये।
अदालत ने अत्यंत संवेदनशील मामले में विवेचक द्वारा की गई स्तर हीन विवेचना को अत्यंत ही आपत्तिजनक मानते हुये आदेश की प्रति जिलाधिकारी आगरा एवं पुलिस आयुक्त को प्रेषित करने के आदेश दिये है ।
थाना न्यू आगरा में दर्ज मामले के अनुसार वादी मुकदमा असरत अली पुत्र इस्लाम खान निवासी बसंत बिहार, राजपुर, थाना सदर जिला आगरा ने थाने पर तहरीर दे आरोप लगाया कि उसके दोनों भाई असलम अली एवं अकरम अली न्यू नवल सिक्योरिटी सर्विस में कार्यरत थे। 22 फरवरी 2010 की सुबह 9.30 बजे प्रतिदिन की भांति वह ड्यूटी पर तैनात अन्य सिक्योरिटी गार्डों को चैक करने अपनी मोटरसाइकिल यू.पी.81 पी 6694 से जा रहे थे। गैलाना रोड पर निर्भय नगर के समीप मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात व्यक्तियों ने गोली चला दोनों भाईयों की हत्या कर दी।
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वादी की तहरीर पर थाना न्यू आगरा पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना के दौरान मृतक भाईयों के मामा इस्लाम पुत्र अल्लाह दीन निवासी ट्रांस यमुना कॉलोनी, थाना एत्माद्दोला, जिला आगरा एवं मृतकों की ही एजेंसी में कार्यरत आरोपी राम सेवक पुत्र सरदार सिंह निवासी मस्ता की बगीची, थाना हरीपर्वत एवं रनवीर पुत्र रमेश सिंह निवासी ग्राम मल्लाह पुरा, थाना फतेहाबाद जिला आगरा को हत्या, आपराधिक षड्यन्त्र एवं आयुध अधिनियम के तहत हिरासत में ले जेल भेजा था।
अभियोजन की तरफ से वादी मुकदमा असरत अली, मृतकों के पिता इस्लाम खान, श्रीमती सायरा बानो, डॉ संजीव सक्सेना, सैय्यद वकील अहमद कादरी सीओ बलधारी सिंह, कमरुद्दीन एवं दिवा कर सिंह यादव को गवाही हेतु अदालत में पेश किया।
मृतको के पिता इस्लाम खान ने अपनी गवाही में कथन किया कि आरोपी इस्लाम पुत्र अल्ल्लादीन उसका साला लगता था वह अपनी पुत्रियों का निकाह उसके पुत्रों के साथ करना चाहता था। मना करने पर उसनें आपराधिक षड्यन्त्र के तहत दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया ।
आरोपी इस्लाम की विचारण के दौरान मौत हो जाने पर अदालत ने उसके विरुद्ध मुकदमें की कार्यवाही समाप्त कर दी।
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अदालत नें अपने आदेश में कथन किया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के चश्मदीद गवाहों से विवेचक ने ना तो आरोपियों की शिनाख्त कराई, ना ही घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल बरामद की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अलग अलग हथियारों से मृतकों की हत्या के बावजूद पुलिस ने आरोपी रनवीर से ही उसकी लाइसेंसी 12 बोर की डबल बैरल बंदूक बरामद की।
मृतक असलम के शरीर से बरामद गोली से हुई हत्या के बाबत विधि विज्ञान प्रयोगशाला से बंदूक की जांच आख्या भी प्राप्त नही की। अन्य भी अनियमितता बरतने पर अपर जिला जज 8 माननीय नीरज कुमार महाजन ने विवेचक द्वारा की गई विवेचना को स्तर हीन एवं अत्यंत आपत्तिजनक पाते हुये साक्ष्य के अभाव में आरोपियों को बरी कर आदेश की प्रति जिलाधिकारी आगरा एवं पुलिस आयुक्त को प्रेषित करने के आदेश दिये।
आरोपियों की तरफ से मुकदमें की पैरवी अधिवक्ता दीवान सिंह वर्मा एवं राज कुमार वर्मा द्वारा की गई।
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