सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग लड़के की हत्या और यौन उत्पीड़न के दोषी की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला

न्यायालय ने माना कि यद्यपि दोषी द्वारा किया गया अपराध जघन्य था, फिर भी यह मामला ‘दुर्लभतम’ नहीं था तथा दोषी के सुधार की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता आगरा/नई दिल्ली 18 दिसंबर । सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को चार वर्षीय लड़के की हत्या और यौन उत्पीड़न के लिए दोषी ठहराए गए एक […]

Continue Reading

बॉम्बे हाईकोर्ट ने माता-पिता और बेटे को मौत की सज़ा सुनाने के लिए ट्रायल कोर्ट द्वारा ‘महाभारत’ का हवाला देने पर आपत्ति जताई; सजा को उम्रकैद में बदला

आगरा/नागपुर 16 नवम्बर । बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर स्थित पीठ ने बुधवार (13 नवंबर) को दो पुरुषों और एक महिला की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलते हुए ट्रायल कोर्ट के तर्क पर आपत्ति जताई, खासकर महाभारत के श्लोकों को उद्धृत करने पर। हाईकोर्ट एक परिवार (माता-पिता और बेटे) द्वारा दायर अपील पर […]

Continue Reading

अपराध के दौरान दोषी की आयु, परिवार की सामाजिक और आपराधिक पृष्ठभूमि मृत्युदंड कम करने में प्रासंगिक : सुप्रीम कोर्ट

आगरा /नई दिल्ली 25 सितंबर । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मृत्युदंड कम करने में अन्य परिस्थितियों के साथ-साथ अपराध के समय दोषी की आयु भी प्रासंगिक होगी। यह देखते हुए कि अपराध के समय दोषी की आयु 22 वर्ष थी और वह समाज के सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से आता था, जहां उसके […]

Continue Reading

सर्वोच्च अदालत ने मर्सी याचिकाओ पर निर्णय और मृत्युदंड क्रियान्वयन मे होने वाली देरी को दूर करने के लिए निर्देश प्रस्तावित किए

आगरा/नई दिल्ली 8 सितंबर । शीर्ष अदालत 2007 के पुणे बीपीओ कर्मचारी बलात्कार और हत्या के दोषियों की मौत की सजा को कम करने के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार द्वारा दायर 2019 की आपराधिक अपील पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए इस बात पर चिंता व्यक्त की कि मृत्युदंड की सजा के निष्पादन में अनिश्चितकालीन देरी […]

Continue Reading