सुप्रीम कोर्ट ने 2025 के लिए कैलेंडर किया जारी

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ग्रीष्मकालीन अवकाश का नाम बदलकर ‘आंशिक कार्य दिवस’ रखा गया
यद्यपि नामकरण में परिवर्तन हुआ है, लेकिन कैलेंडर प्रथम दृष्टया ग्रीष्मकालीन अवकाश की प्रकृति में नहीं देता किसी परिवर्तन का संकेत नहीं

आगरा /नई दिल्ली 05 नवंबर ।

सुप्रीम कोर्ट ने आधिकारिक तौर पर वर्ष 2025 के लिए अपना कैलेंडर जारी कर दिया है, जिसमें आगामी वर्ष के लिए छुट्टियों और कार्य दिवसों की सूची बताई गई है।

उल्लेखनीय रूप से, पिछले वर्षों के विपरीत, 2025 के कैलेंडर में गर्मियों की छुट्टियों को ‘आंशिक कार्य दिवस’ के रूप में नामित किया गया है।

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हालांकि नामकरण में बदलाव हुआ है, लेकिन कैलेंडर में प्रथम दृष्टया गर्मियों की छुट्टियों की प्रकृति में कोई बदलाव नहीं दिखता है और नियमित अदालती कार्यवाही निलंबित रहेगी (केवल अवकाश पीठें ही अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई के लिए बैठेंगी) जबकि आवश्यक रजिस्ट्री सेवाएँ उस अवधि के दौरान संचालित होती रहेंगी।

आंशिक कार्य दिवस 26 मई, 2025 से शुरू होंगे और पूर्ण कार्य दिवस 14 जुलाई, 2025 से फिर से शुरू होंगे।

कैलेंडर में कहा गया है,

“आंशिक न्यायालय कार्य दिवस सोमवार, 26 मई 2025 से शुरू होंगे और पूर्ण न्यायालय कार्य दिवस सोमवार, 14 जुलाई 2025 से फिर से शुरू होंगे। न्यायालय की रजिस्ट्री शनिवार, रविवार और छुट्टियों को छोड़कर पूरे आंशिक न्यायालय कार्य दिवसों में काम करेगी। हालांकि, न्यायालय की रजिस्ट्री आंशिक न्यायालय कार्य दिवसों के अंतिम शनिवार यानी 12 जुलाई 2025 को खुली रहेगी।”

स्थापित प्रथा के अनुसार, यह संकेत है कि अवकाश पीठें इन ‘आंशिक कार्य दिवसों’ के दौरान भी काम करेंगी।

ये अवकाश पीठें उन मामलों की सुनवाई करेंगी जिनमें तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है, ताकि गर्मियों की छुट्टियों के दौरान न्याय तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।

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साभार: बार & बेंच

विवेक कुमार जैन
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