आगरा में मां की निर्मम हत्या के आरोपी पुत्र को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा

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आगरा।

जिस मां ने बेटे को जन्म दिया, उसी की फावड़े से ताबड़तोड़ वार कर निर्मम हत्या करने के जघन्य मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-2 (एडीजे-2) माननीय पुष्कर उपाध्याय ने आरोपी पुत्र राहुल पुत्र तेज सिंह, निवासी प्रकाश नगर, थाना एत्माद्दोला, जिला आगरा, को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है।

शराब के नशे में मकान बेचने का डालता था दबाव:

यह सनसनीखेज मामला 18 अप्रैल 2015 का है। थाना एत्माद्दोला में दर्ज मुकदमे के अनुसार, वादी तेज सिंह पुत्र लाला राम ने अपने ही पुत्र राहुल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।

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वादी ने आरोप लगाया था कि राहुल शराब के नशे का आदी था और मां श्रीमती विमला देवी पर मकान बेचने का दबाव डालता था। इसी दबाव को मना करने पर राहुल ने फावड़े से ताबड़तोड़ प्रहार कर अपनी मां की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी थी।

परिजनों ने नहीं की पैरवी, पिता ने दी गवाही:

मामले की गंभीरता को देखते हुए, थाना एत्माद्दोला पुलिस ने घटना वाले दिन ही 18 अप्रैल 2015 को आरोपी राहुल को गिरफ्तार कर लिया था और घटना में प्रयुक्त रक्तरंजित फावड़ा भी बरामद किया था। पुलिस ने मात्र चार दिनों में विवेचना पूरी कर आरोप पत्र अदालत में पेश कर दिया था।

अदालत को यह ज्ञात हुआ कि अपनी सगी मां की निर्ममता पूर्वक हत्या करने के कारण आरोपी की तरफ से किसी भी परिजन ने पैरवी नहीं की। आरोपी की नशे की लत के चलते उसकी पत्नी भी चार बच्चों को लेकर घटना से पहले ही उसे छोड़कर जा चुकी थी।

ऐसी स्थिति में, अदालत ने शासन की व्यवस्था के तहत आरोपी को पैरवी हेतु निशुल्क अधिवक्ता (न्याय मित्र) उपलब्ध कराया था।

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पिता, भाई और पड़ोसियों ने दी गवाही:

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) हेमंत दीक्षित ने मां के हत्यारे को सजा दिलाने के उद्देश्य से आरोपी के पिता (वादी मुकदमा) तेज सिंह, भाई कान्हा, पड़ोसी और रिश्तेदारों सहित कुल 9 गवाहों को अदालत में पेश किया।

एडीजे-2 माननीय पुष्कर उपाध्याय ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट, वैज्ञानिक साक्ष्य, गवाहों के बयानों और एडीजीसी हेमंत दीक्षित के तर्कों के आधार पर आरोपी राहुल को अपनी मां की निर्ममता पूर्वक हत्या के आरोप में दोषी सिद्ध करते हुए आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया।

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विवेक कुमार जैन
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