आगरा शहर के नामचीन चिकित्सक संगीन आरोपों से हुये उन्मोचित

न्यायालय मुख्य सुर्खियां
शफीक अहमद ने किया था मुकदमा
अपनी मां की लापरवाही बरतने के चलते मृत्यू एवं अन्य आरोप लगाये थे
उच्च न्यायालय ने 6 माह में निस्तारण एवं चिकित्सकों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर लगाई थीं रोक
वादी मुकदमा एवं उसके भाई ने अपने बयानों में कहा नहीं बरती लापरवाही और ना ही अवैध वसूली की

आगरा 28 अक्टूबर ।

शहर के चार नामचीन चिकित्सकों को वादी एवं उसके भाई कें बयानों के आधार पर एसीजेएम 3 माननीय विवेक विक्रम ने उन्मोचित करने के आदेश दिये।

मामले के अनुसार वादी मुकदमा शफीक अहमद ने अपनी मां की लापरवाही जनित हत्या, धोखाधड़ी, अवैध वसूली एवं अन्य आरोप में शहर के नामचीन चिकित्सकों डा. रवि मोहन पचौरी, डा. रजनी पचौरी, डा. पंकज शर्मा एवं डा. आशुतोष सक्सैना आदि के विरुद्ध अदालत के आदेश से थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया था ।

बाद में उक्त मुकदमा परिवाद के रूप में अदालत में प्रस्तुत हुआ।

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चिकित्सकों नें उक्त मामले में अदालत में उपस्थित हो पूर्व में ही जमानत स्वीकृत करा उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की थीं । जिस पर उच्च न्यायालय ने 6 माह में उक्त मुकदमें का निस्तारण करने एवं चिकित्सकों कें विरुद्ध कोई भी उत्पीड़नात्मक आदेश पारित करने पर रोक के अधीनस्थ न्यायालय को आदेश दिये थे।

उक्त मामलें में वादी मुकदमा शफीक अहमद एवं उनके भाई अकील अहमद ने विगत 10 सितम्बर 24 को अपने बयानों मे कहा उनकीं मां की मृत्यू इलाज के दौरान हो गई थीं। चिकित्सकों ने कोई लापरवाही नहीँ की थीं। चिकित्सकों ने उनकीं मां को इलाज के दौरान बचाने का हर संभव प्रयास किया था ।

उनसें किसी भी चिकित्सक ने ना तो कोई दुर्व्यवहार किया और ना ही दबाब बना पैसों की मांग की, ना ही किसी प्रकार की गाली गलौज एवं जान से मारनें की धमकी दी।

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उन्होंने अपनी मां की मृत्यू के बाद जो पैसा जमा किया था वह बकाया बिल के भुगतान एवं दवाओं आदि के बकाये के भुगतान के सम्बन्ध में किया था । उन्हें किसी विपक्षी से कोई शिकायत नहीं हैं ना ही वह वाद आगे चलाना चाहता है और ना ही कोई अन्य गवाह पेश करना चाहता हैं।

वादी एवं उसकें भाई के बयानों कें आधार पर चिकित्सकों के वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक शर्मा द्वारा अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर एसीजेएम 3 माननीय विवेक विक्रम नें चिकित्सकों को उन्मोचित (डिस्चार्ज) करने के आदेश दिये।

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विवेक कुमार जैन
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