आगरा के चर्चित धर्मांतरण मामले में आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) माननीय मृत्युंजय श्रीवास्तव की अदालत में एक महत्वपूर्ण फैसला आया।
दस दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद आज सभी दस आरोपियों को सीजेएम के सामने पेश किया गया।अभियोजन पक्ष के अनुरोध पर, अदालत ने चार आरोपियों – एस. बी. कृष्णा उर्फ आयशा, शेखर राय उर्फ हसन अली, मोहम्मद रहमान कुरैशी और मोहम्मद अली उर्फ पीयूष पंवार – का पुलिस कस्टडी रिमांड बढ़ा दिया है, जबकि शेष छह आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
यह मामला सदर थाना क्षेत्र का है, जहां धर्मांतरण के आरोप में इन दस लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आज कड़ी सुरक्षा के बीच अबू तालिब, अब्दुल रहमान, मनोज कनोजिया, जुनैद कुरैशी, रिथ बनिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम और उ श मा खान के साथ-साथ पुलिस रिमांड पर भेजे गए चारों आरोपियों को भी सीजेएम अदालत में पेश किया गया।
अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक (एपीओ) और वादी के अधिवक्ता जगदीश सिंह ने सीजेएम से चारों आरोपियों का पुलिस कस्टडी रिमांड बढ़ाने का आग्रह किया. उनका तर्क था कि उनसे अभी और तथ्य जानने हैं।
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दूसरी ओर, आरोपियों की ओर से महाराणा प्रताप बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ऋषि राज चौहान, बिलाल अहमद, महावीर तिवारी, नौशाद अहमद, निशा सैफी, अभिषेक कटारा और शिवा यादव ने जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए (जिस पर थाने से रिपोर्ट के लिए 30 जुलाई की तारीख तय है) पुलिस रिमांड पर दिए जाने का पुरजोर विरोध किया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, सीजेएम ने चार आरोपियों का पुलिस कस्टडी रिमांड स्वीकृत कर दिया, जबकि छह अन्य आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
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