गैंगेस्टर एक्ट का आरोपी पुलिस की लापरवाही से बरी

अपराध न्यायालय मुख्य सुर्खियां

आगरा 9 सितंबर।

24 वर्ष पुराने उत्तर प्रदेश गिरोह बंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण )अधिनियम 1986 की धारा -2/3 के तहत आरोपित भीम सेन पुत्र पूरन बाल्मीकि निवासी असद गली, थाना सदर को पुलिस की लापरवाही पर विशेष न्यायाधीश गिरोहबंद अधिनियम माननीय ज्ञानेंद्र राव ने बरी करने के आदेश दिये।

थाना सदर बाजार में दर्ज मामले के अनुसार वादी मुकदमा तत्कालीन थानाध्यक्ष सदर एस.पी.सिंह भदौरिया नें 21 जून 1999 को आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करा आरोप लगाया कि आरोपी का एक संगठित गिरोह हैं । इनके आपराधिक कृत्यो से समाज में काफी भय वह आतंक व्याप्त हैं ।

 

आरोपी का गिरोह थाना क्षेत्र के अतिरिक्त जनपद आगरा के आस पास के जिलो में आये दिन लूट एवं हिंसा आदि से सम्बंधित अपराध कर जनता में दहशत पैदा कर चुका है। जिससे कोई भी व्यक्ति इनके विरुद्ध रिपोर्ट करने की हिम्मत नहीं करता है।

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वादी मुकदमा द्वारा आरोपी के विरुद्ध गैंग चार्ट भी दाखिल किया जिसके आधार पर आरोपी के विरुद्ध उक्त मुकदमे में आरोप पत्र अदालत में प्रेषित किया गया।

24 वर्ष करीब लंबे चले विचारण के दौरान पुलिस आरोपी के विरुद्ध मुकदमा अदालत में प्रेषित कर पूर्ण रूपेण भूल गयीं ।

अदालत द्वारा तारीख पर तारीख दियें जाने के बाद भी अभियोजन पक्ष गैंग चार्ट में दर्शित मुकदमों के वादी /पीड़ित तथा किसी भी औपचारिक /पुलिस के गवाह को गवाही हेतु अदालत में पेश नही कराया गया।

अभियोजन द्वारा अभिलेखीय साक्ष्य, एफआईआर, जी.डी., गैंग चार्ट आरोप पत्र, एवं अनुज्ञा को भी किसी साक्ष्य के माध्यम से साबित नही कराया गया।

अदालत ने आरोपी के अधिवक्ता भारत सिंह के तर्क पर आरोपी को बरी करने के आदेश दिये।

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विवेक कुमार जैन
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