एटा डिपो में रोडवेज बस चालक था मृतक
ईदगाह डिपो में बस चालक सहित चार कें विरुद्ध दर्ज हुआ था मुकदमा
पर्याप्त सबूत के अभाव में महिला अभियुक्ता सहित चार आरोपी हुये बरी
आगरा 21 अगस्त । रोडवेज बस में चालक के पद पर कार्यरत पूना शिरोमणि की हत्या कर सबूत नष्ट करने के उद्वेश्य से उसकी लाश पोखर में फेंकने के मामले में महिला अभियुक्ता सहित चार आरोपियों को पर्याप्त सबूत के अभाव में एडीजें -1 अखिलेश कुमार पांडेय ने बरी करने के आदेश दिये हैं।
थाना सदर में दर्ज चर्चित मामले के अनुसार वादी मुकदमा ओमकार सिंह निवासी गांव वरियारपुर, थाना एका, जिला फिरोजाबाद का भाई पूना शिरोमणि उर्फ पप्पू एटा डिपो में रोडवेज बस चालक के पद पर कार्यरत था।
वादी के भाई की दोस्ती ईदगाह डिपो में रोडवेज बस चालक ह्रदेश गौतम पुत्र कैलाश गौतम निवासी नगला दल, थाना पचोखरा, जिला फिरोजाबाद से थी जो सुदामा पुरम,
सेवला में राम स्वरूप शर्मा के मकान में किरायें पर रहता था। वादी के भाई के वहाँ आने जाने के कारण राम स्वरूप शर्मा एवं उसकी पत्नी से भी वादी के भाई के अच्छे सम्बंध हो गये।
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आरोपी रोडवेज बस चालक ह्रदेश गौतम एवं राम स्वरूप वादी के भाई पर श्रीमती सुमन से अवैध सम्बन्ध होनें का शक करने लगे जिसके चलते 24 फरवरी 2008 को आरोपी ह्रदेश गौतम ने वादी के भाई को फोन कर घर बुलाया ।उसके बाद वादी के भाई की लाश नगला परसोती की पोखर में मिली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वादी के भाई के शरीर पर कई चोट पाई गई।
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वादी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर हत्या एवं सबूत नष्ट करने के आरोप में रोडवेज बस चालक ह्रदेश गौतम, राम स्वरूप शर्मा, उसकी पत्नी सुमन शर्मा एवं दिनेश चाहर पुत्र हरी सिंह निवासी ग्राम बिसेरा, थाना कागारौल,जिला आगरा को हिरासत में लेकर जेल भेजा था।
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अभियोजन पक्ष द्वारा उक्त मामले मे वादी मुकदमा सहित 8 गवाह अदालत में पेश किये गए।
मुकदमें के विचारण के उपरांत स्वतंत्र गवाह के अभाव एवं परिस्थिति जन्य साक्ष्य की कड़ियाँ आपस में नही जुड़ने तथा 24 फरवरी 2008 की घटना होने के बाद घटना की रिपोर्ट 13 मार्च 23 को दर्ज कराने एवं आरोपियों के विद्वान अधिवक्ताओं अवध किशोर गौतम, रोहन सिंह के तर्कों पर अदालत ने आरोपियों को बरी करने के आदेश दिये।
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