इलाहाबाद हाईकोर्ट में जुबैर की याचिका की सुनवाई से खंडपीठ ने खुद को अलग किया

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आगरा /प्रयागराज 03 दिसंबर ।

गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद को लेकर ‘एक्स पोस्ट’ पर उप्र पुलिस की प्राथमिकी के खिलाफ मोहम्मद जुबैर की याचिका पर सुनवाई से इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ ने खुद को अलग कर लिया है।

न्यायालय ने याचिका को अन्य पीठ नामित करने हेतु मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रेषित करने को कहा है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की पीठ ने मंगलवार को अलग कर लिया।

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मामले के अनुसार, यति नरसिंहानंद की सहयोगी डा.उदिता त्यागी की शिकायत के बाद धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए पिछले महीने गाजियाबाद की कविनगर पुलिस ने जुबैर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी लिखी है। इससे पहले पिछली सुनवाई के दौरान मामले में विवेचक ने कोर्ट को बताया था कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 के तहत भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का अपराध के आरोप में एफआईआर में शामिल की गई।

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वादी मुकदमा का आरोप है कि तीन अक्टूबर को जुबैर ने हिंसा भड़काने के इरादे से नरसिंहानंद की पुरानी वीडियो क्लिप साझा की। इसके बाद डासना देवी मंदिर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। जुबैर, अरशद मदनी और असदुद्दीन ओवैसी को जिम्मेदार ठहराते हुए शिकायत दी गई थी।

जुबैर ने एफआइआर रद करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। उप्र पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि निष्पक्षता के साथ विवेचना की जा रही है।

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मनीष वर्मा
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