आगरा:
2 मार्च 2018 को आगरा के सिकंदरा थाना क्षेत्र से एक 18 वर्षीय युवती की हत्या और उसके सबूत नष्ट करने के मामले में, अपर जिला न्यायाधीश-19 माननीय लोकेश कुमार ने आरोपी सोनू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
इस मामले में दोषी पर 1 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से 80 प्रतिशत राशि मृतका के परिवार को दी जाएगी।
घटना का विवरण:
पीड़िता की मां लक्ष्मी ने सिकंदरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि 2 मार्च 2018 को आरोपी सोनू, उनकी बेटी को उसकी बहन के घर छोड़ने के बहाने मोटरसाइकिल पर ले गया था।

जब बेटी अपनी बहन के घर नहीं पहुंची, तो परिवार ने उसकी तलाश शुरू की। खोजबीन के दौरान पता चला कि आरोपी सोनू और उसके परिवार के लोग भी घर पर नहीं थे।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू की और ककरैठा के जंगल से युवती का कंकाल और कपड़े बरामद किए। डीएनए टेस्ट से इस बात की पुष्टि हुई कि कंकाल लक्ष्मी की बेटी का ही था।
डीएनए और गवाहों से मिली पुख्ता जानकारी
अदालत में मामले की पुष्टि के लिए कई गवाहों को पेश किया गया, जिनमें मृतका की मां लक्ष्मी, कई पुलिस अधिकारी और कुछ ऐसे गवाह भी शामिल थे जिन्होंने पीड़िता को आखिरी बार आरोपी के साथ देखा था। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार शर्मा ने अदालत में मजबूत साक्ष्य और तर्क प्रस्तुत किए।
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सभी सबूतों और गवाहों के बयानों को ध्यान में रखते हुए, अपर जिला न्यायाधीश-19 ने सोनू को हत्या और सबूत नष्ट करने का दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास के साथ-साथ भारी जुर्माने की सजा सुनाई।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि जुर्माने की राशि का 80 प्रतिशत हिस्सा पीड़िता के परिवार को मुआवजे के तौर पर दिया जाए।
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