आगरा/प्रयागराज 13 नवंबर ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव, (औद्योगिक विकास) नरेंद्र भूषण को प्रथम दृष्टया अवमानना का दोषी माना है और उन्हें स्पष्टीकरण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा क्यों न उनके खिलाफ अवमानना का आरोप निर्मित किया जाय ?

हालांकि कोर्ट ने प्रमुख सचिव को एक मौका और दिया है कि वह निर्देश का पालन कर अनुपालन हलफनामा दाखिल करें । यदि ऐसा करते हैं तो उन्हें उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने जगदीश प्रसाद यादव एवं 49 अन्य की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
याची अधिवक्ता अभय कुमार श्रीवास्तव ने बहस की। याचियों ने 1 जनवरी 1996 को लागू 5 वें वेतन आयोग के अनुसार संशोधित वेतनमान का बकाया देने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। न्यायालय ने 5 अप्रैल 2023 को आदेश जारी किया कि सक्षम अधिकारी नरेन्द्र भूषण, प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, अनुभाग-5, उत्तर प्रदेश तीन महीने के भीतर उचित निर्णय लेंगे।
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आदेश का पालन न करने पर अवमानना आवेदन दाखिल किया गया। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए आदेश का अनुपालन करने का एक मौका और देते हुए अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। फिर भी अनुपालन नहीं किया गया।
जिस पर कोर्ट ने आदेश का पालन करने या आरोप निर्मित किए जाने के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।
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