कोर्ट ने कहा अपने वेतन से जिले के विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करें हर्जाना
आगरा/प्रयागराज 22 अक्टूबर ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मांगी गई जानकारी न देने वाले एटा के जिलाधिकारी व एसडीएम को अपने वेतन से एक एक हजार रुपए हर्जाना राशि जिले की विधिक सेवा प्राधिकरण में दो हफ्ते में जमा करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि राजस्व संहिता की धारा 59(4)के तहत गांव सभा की जमीन की नवैयत बदलने की कानूनी कार्यवाही की जाय।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने मनोज कुमार की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
याची का कहना था कि ग्राम सभा को सरकार द्वारा दी गई जमीन की नवैयत को संशोधित करने पर कोई विधिक रोक नहीं है। सरकार धारा 59(4)के तहत आदेश दे सकती है।
किंतु कोर्ट में ऐसा आदेश दाखिल नहीं किया गया। ग्राम सभा के वकील ने कहा कि ग्राम सभा ने प्रस्ताव भेजा है। किंतु अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि राजस्व अभिलेखों में परिवर्तन किया गया या नहीं। जबकि जिलाधिकारी को आदेश की जानकारी दी गई थी।
इस पर कोर्ट ने कहा कोई विधिक अड़चन न हो तो कार्यवाही पूरी की जाय। किंतु ग्राम सभा के प्रस्ताव पर कोई कार्यवाही करने पर रोक लगा दी है। क्योंकि जिलाधिकारी व एसडीएम ने जानकारी नहीं दी इसलिए उनके खिलाफ हर्जाना लगाया है।
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