इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल घटना की सीबीआई जांच व हाईकोर्ट रिटायर्ड जज की एसआई टी से प्रशासन की भूमिका की जांच की मांग में दाखिल याचिका की खारिज

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राज्य सरकार व प्रशासन की भूमिका की भी की गई थी जाच की मांग

आगरा 05 दिसम्बर ।

संभल की चंदौसी जामा मस्जिद सर्वे मामले में भड़की हिंसा, आगजनी फायरिंग में पांच लोगों की मौत मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने दिया है।

अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को सरकार द्वारा हाईकोर्ट जज का न्यायिक आयोग गठित करने की जानकारी दी। इसके बाद याची अधिवक्ता ने पुलिस के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग पर बल दिया। जिसपर कोर्ट ने कहा आयोग की जांच हो रही है। याची चाहे तो उचित फोरम पर बात रख सकता है। इसपर याची अधिवक्ता ने याचिका वापस लेने की प्रार्थना की जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।

याचिका पर सी बी आई के वरिष्ठ अधिवक्ता डिप्टी सालिसिटर जनरल ज्ञान प्रकाशसंजय यादव ने भी पक्ष रखा।

याचिका में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर आयुक्त मुरादाबाद, डी .एम. ,एस.पी. संभल, एस.डी .एम.चंदौसी, सी.ओ. संभल व एडवोकेट कमिश्नर टीम के सदस्यों की फसाद में भूमिका की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का समादेश जारी करने की मांग की गई थी।

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साथ ही स्वतंत्र जांच एजेंसी से संभल घटना में राज्य सरकार व प्रशासन की भूमिका की भी जांच कराने की मांग की गई थी ।

यह याचिका वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार आनंद प्रकाश तिवारी ने दाखिल की थी।

याचिका में कहा गया है कि 19 नवंबर 24 को सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल की अदालत में आठ लोगों ने सिविल वाद दायर किया और कहा कि जामा मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई गई है। जिसका सर्वे कराया जाय। इसी दिन अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर सर्वे का आदेश जारी कर दिया।और सुनवाई की तिथि 29 नवंबर नियत कर सर्वे रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। प्रशासन ने इसकी जानकारी मस्जिद कमेटी को दी। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष व जिलाधिकारी व पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में 19 नवंबर को रात नौ बजे तक सर्वे पूरा कर लिया गया। सारी कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।

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23 नवंबर की देर शाम एस.एच.ओ. ने मस्जिद कमेटी के चेयरमैन को 24 नवंबर को दुबारा सर्वे करते समय मौजूद रहने की सूचना दी। जिस पर कमेटी के अधिवक्ता ने आपत्ति की कि दूसरा सर्वे कराने का कोर्ट का आदेश नहीं है। इसलिए सर्वे न किया जाय और विरोध किया।

इसके बाद 24 नवंबर को सुबह 7 बजे एस .डी. एम .चंदौसी व सी.ओ. संभल ने मस्जिद कमेटी अध्यक्ष को घर आकर को सर्वे की मौखिक सूचना दी और डी.एम., एस.पी. एस.डी.एम. चंदौसी व भारी पुलिस बल के साथ एडवोकेट कमिश्नर टीम पचास लोगों के साथ आई। लोग धार्मिक नारे लगा रहे थे। दूसरे धर्म के लोगों को उकसा रहे थे।

इसी बीच दूसरे संप्रदाय की भीड़ इकट्ठा हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। दूसरी तरफ से पथराव शुरू हो गया। पुलिस पर फायरिंग करने का भी आरोप लगाया गया है और कहा गया है कि घटना में पांच लोगों की मौत हो गई है। याचिका में घटना के लिए प्रशासनिक षड्यंत्र की आशंका व्यक्त की गई है।

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मनीष वर्मा
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