प्रसव हेतु महिला को सहारा मेडिसिटी में कराया गया था भर्ती
डॉक्टर की लापरवाही से गर्भाशय की नस कट जानें से हुई थी मरीज की मौत
मृतका को ऑपरेशन थिएटर में छोड़ कर भाग गया था स्टाफ
मुकदमा दायर करने की दिनांक से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित देना होगा प्रतिकर
आगरा 08 अप्रैल ।
प्रसव हेतु भर्ती महिला की ऑपरेशन के दौरान हद दर्जे की लापरवाही बरत गर्भाशय की नस काट असमय मृत्यू कारित करने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष माननीय सर्वेश कुमार ने प्रतिकर के रूप मे 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित 6,93,000/- रुपये दिलाने के आदेश दिये।
मामलें के अनुसार वादी मुकदमा यतेंद्र कुमार पुत्र कामता प्रसाद निवासी सरस्वती नगर, टूंडला, जिला फिरोजाबाद ने अपने वरिष्ठ अधिवक्ता सन्तोष दीक्षित के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम में मुकदमा दायर कर कथन किया कि उनकीं पत्नी श्रीमती प्रीति उर्फ गुड़िया को 31 जुलाई 2018 की सुबह प्रसव हेतु सहारा मेडिसिटी हॉस्पिटल, प्रोफेसर कॉलोनी, कमला नगर में भर्ती कराया गया।
हॉस्पिटल स्टाफ ने प्रसव के नाम पर उनसे 55 हजार रुपये काउंटर पर जमा कराये गये। 12.30 बजे करीब वादी मुकदमा को खून लेने बाहर भेज दिया गया। वादी की पत्नी की हालत के विषय में कुछ भी बताने से इंकार कर उसे दूसरे हॉस्पिटल में भर्ती कराने हेतु हॉस्पिटल स्टाफ ने एंबुलेंस बुला ली। जिस पर वादी ने ऑपरेशन थियेटर में घुस कर देखा तो उसकीं पत्नी मृत मिली।
उसके चारों और खून फैला हुआ था। अपनी पत्नी की डॉक्टर की लापरवाही से हुई असमय मृत्यू पर वादी ने पुलिस एवं सीएमओ को सूचना दी। पुलिस नें डॉक्टर के प्रभाव में उल्टा वादी को ही धमकाना शुरू कर दिया । हॉस्पिटल का समस्त स्टाफ कुछ समय बाद हॉस्पिटल छोड़ भाग गया । डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरत पत्नी की गर्भाशय की नस काट दी थी।
जिसके चलतें वादी की पत्नी की असमय मौत हो गयी । वादी की पत्नी नवजात सहित तीन पुत्रों को मातृत्व सुख से वंचित कर परलोक सिधार जाने पर वादी ने सहारा मेडिसिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर प्रशांत कुमार हॉस्पिटल प्रबंधक लकी यादव एवं डॉक्टर द्वारा स्वयं को प्रोफेशनल इनडेमिनिटी डॉक्टर पालिसी से बीमित कराने के कारण यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेन्स कंपनी को भी पक्षकार बना मुकदमा दायर करने पर, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष माननीय सर्वेश कुमार ने इंश्योरेंस कंपनी से मुकदमा दायर करने की दिनांक 18 सितम्बर 2018 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित वादी को 6,93,000/- रुपये दिलाने के आदेश प्रदान किये।
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