आगरा ४ जून ।
आगरा स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (न्यायालय संख्या-13) माननीय महेश चंद्र वर्मा की अदालत ने एक पुराने सत्र परीक्षण वाद में लगातार अनुपस्थित चल रहे अभियुक्त नरेंद्र पुत्र शिवराज सिंह ठाकुर के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।
न्यायालय ने सिकंदरा के थानाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि वे फरार अभियुक्त नरेंद्र के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा-209 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करें और तीन दिन के भीतर अनुपालन रिपोर्ट के साथ एफआईआर की एक सत्यापित प्रति न्यायालय को प्रस्तुत करें।
यह मामला माननीय उच्चतम न्यायालय और माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्राचीन लंबित वादों के शीघ्र निपटान के निर्देशों के अनुरूप है। न्यायालय ने पाया कि अभियुक्त नरेंद्र लगातार अनुपस्थित है, उसके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट और धारा-82 दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत उद्घोषणा के बावजूद वह न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ।
अभियुक्त के घर पर ताला लगा होने की रिपोर्ट पुलिस द्वारा दी गई थी, जिसमें बताया गया था कि धारा-82 सीआरपीसी की तामील अभियुक्त के घर पर चस्पा करके की गई थी।
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इस बीच, अभियुक्त के जमानतदार, कप्तान सिंह और राकेश कुमार, न्यायालय में अपने अधिवक्ता के साथ उपस्थित हुए। उन्होंने एक प्रार्थना पत्र और शपथ पत्र प्रस्तुत कर फरार अभियुक्त नरेंद्र को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए समय की मांग की। न्यायालय ने जमानतदारों को एक अंतिम अवसर देते हुए उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली है, ताकि वे नियत तिथि से पहले अभियुक्त को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर सकें।
न्यायालय ने अभियुक्त नरेंद्र के खिलाफ फिर से गैर-जमानती वारंट जारी करने और उसकी चल एवं अचल संपत्ति की कुर्की के लिए दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-83 के तहत वारंट जारी करने का भी आदेश दिया है।
मामले की अगली सुनवाई 11 जून, 2025 को निर्धारित की गई है, जिस दिन अभियुक्त की हाजिरी, जमानतदारों के खिलाफ धारा-446 दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत कार्यवाही, और अभियोजन साक्ष्य पर विचार किया जाएगा।
न्यायालय के इस आदेश की एक प्रति अनुपालन के लिए संबंधित थानाध्यक्ष सिकंदरा, आगरा को अभियुक्त के खिलाफ जारी वारंटों के साथ तुरंत भेजी जाएगी।
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