आगरा ।
आगरा जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग-प्रथम के अध्यक्ष माननीय सर्वेश कुमार और सदस्य राजीव सिंह ने एक महत्वपूर्ण फैसले में रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को सेवा में कमी के लिए दोषी ठहराया है।
यह फैसला श्रीमती हजरा बेगम द्वारा दायर शिकायत पर आया, जिन्होंने अपनी क्षतिग्रस्त कार के बीमा क्लेम को खारिज किए जाने के खिलाफ अपील की थी।
मामले का विवरण:
हजरा बेगम ने मार्च 2017 में एक नई स्विफ्ट डिजायर कार खरीदी थी। उन्होंने अपनी इस नई कार का बीमा रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी से 18,351/- रुपये का प्रीमियम देकर करवाया था। यह पॉलिसी 31 मार्च 2017 से 30 मार्च 2018 तक वैध थी।
3 अगस्त 2017 को, इलाहाबाद जाते समय उनकी कार डिवाइडर से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई। कार की मरम्मत का अनुमानित खर्च 1,72,713/- रुपये था।
Also Read – आगरा में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने 6.5 लाख से अधिक मामलों का निपटारा कर स्थापित किया एक नया कीर्तिमान
मरम्मत के बाद, हजरा बेगम ने 1,45,260/- रुपये का भुगतान करके अपनी कार वापस ली।
हालांकि, बीमा कंपनी ने उनका क्लेम यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उन्होंने पिछली पॉलिसी के बारे में गलत जानकारी देकर नो-क्लेम बोनस (एनसीबी ) प्राप्त किया था।
आयोग का फैसला:
आयोग ने पाया कि बीमा कंपनी ने खुद हजरा बेगम से एनसीबी रिकवरी के रूप में 3,000/- रुपये प्राप्त किए थे और इसके लिए एक एंडोर्समेंट सर्टिफिकेट भी जारी किया था।
Also Read – बैंकिंग साइबर अपराधों में बैंक अपनी देनदारी से नहीं बच सकते: मा. सर्वेश कुमार

आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि जब बीमा कंपनी ने खुद एनसीबी की राशि वसूल कर ली, तो वह बाद में यह तर्क नहीं दे सकती कि उपभोक्ता ने कोई जानकारी छिपाई थी। इन तथ्यों के आधार पर, आयोग ने माना कि बीमा कंपनी ने सेवा में कमी की है।
आदेश:
उपभोक्ता आयोग ने रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया है कि वह 45 दिनों के भीतर हजरा बेगम को निम्नलिखित भुगतान करे:
* मरम्मत की राशि: 1,45,260/- रुपये, साथ में 9 नवंबर 2017 (शिकायत दर्ज करने की तिथि) से भुगतान की वास्तविक तिथि तक 6% वार्षिक साधारण ब्याज।
* मानसिक पीड़ा: 10,000/- रुपये।
* वाद व्यय: 5,000/- रुपये।
यदि कंपनी निर्धारित समय में भुगतान करने में विफल रहती है, तो ब्याज दर 6% के बजाय 9% प्रति वर्ष हो जाएगी। आयोग ने मामले के अन्य प्रतिवादियों (मारुति इंश्योरेंस ब्रोकिंग और के.टी.एल. प्राइवेट लिमिटेड) के खिलाफ शिकायत खारिज कर दी, क्योंकि वे इस मामले में सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं थे।
आख़िरकार सात वर्ष की लंबी लड़ाई के बाद 13 सितम्बर 2025 को राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन आयोग के अध्यक्ष माननीय सर्वेश कुमार ने जब हज़रा बेगम को दो लाख चालीस हज़ार का चेक सौंपा तो ख़ुशी से उनके आंसू निकल पड़े । वह अपने पुत्र के साथ चेक प्राप्त करने आई थी ।
Attachment/Order/Judgement – hajra begam 13.09.25
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Channel Bulletin & Group Bulletin

- आगरा में मां की निर्मम हत्या के आरोपी पुत्र को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा - October 25, 2025
- आगरा अदालत में गवाही के लिए हाजिर न होने पर विवेचक पुलिस उपनिरीक्षक का वेतन रोकने का आदेश - October 25, 2025
- 25 साल बाद फिरौती हेतु अपहरण के 6 आरोपी बरी, अपहृत ने नकारी गवाही - October 25, 2025







1 thought on “आगरा उपभोक्ता आयोग प्रथम का फैसला: बीमा कंपनी को देना होगा 1.45 लाख का मुआवजा, मानसिक पीड़ा और कानूनी खर्च भी शामिल”