आगरा: १८ जुलाई ।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम ने एक रेलवे कर्मचारी की विधवा पत्नी को बड़ी राहत प्रदान की है। आयोग के अध्यक्ष माननीय सर्वेश कुमार और सदस्य राजीव कुमार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी ) द्वारा देय ₹3,11,556/- का अकाउंट पेई चेक श्रीमती नीलम को सौंपा। यह राशि उनके दिवंगत पति की बीमा पॉलिसी से संबंधित थी, जिसे एलआईसी ने पहले खारिज कर दिया था।
मामले के अनुसार, आगरा के एत्मादपुर स्थित रेलवे कॉलोनी की निवासी श्रीमती नीलम के पति, स्वर्गीय विनोद बाबू, उत्तर मध्य रेलवे, आगरा के डीआरएम कार्यालय के रेल पथ अनुभाग में कार्यरत थे।
उन्होंने अपनी सेवाकाल के दौरान सैलरी सेविंग स्कीम के तहत एलआईसी से ₹1 लाख की पॉलिसी ली थी, जिसका प्रीमियम सीधे उनके वेतन से नियोक्ता कार्यालय द्वारा काटा जाता था।
1 मई 2017 को विनोद बाबू के निधन के बाद, उनकी कानूनी उत्तराधिकारी होने के नाते श्रीमती नीलम ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर क्लेम प्रस्तुत किया। हालांकि, एलआईसी ने क्लेम खारिज कर दिया। इसके बाद, श्रीमती नीलम ने अपने अधिवक्ता अश्वनी कुमार श्रीवास्तव के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजा और फिर उपभोक्ता आयोग में मुकदमा दायर किया।
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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष माननीय सर्वेश कुमार ने विपक्षी एलआईसी को आदेश दिया कि वे आदेश पारित होने के 30 दिनों के भीतर, मुकदमा दायर करने की तारीख से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ क्लेम की राशि अदा करें। इसके अतिरिक्त, मानसिक कष्ट और वाद व्यय के रूप में ₹15,000/- भी अदा करने का निर्देश दिया गया था।
एलआईसी द्वारा आयोग के खाते में यह रकम जमा करने के बाद, उपभोक्ता आयोग प्रथम ने श्रीमती नीलम को ₹3,11,556/- का अकाउंट पेई चेक सौंपकर उन्हें राहत प्रदान की।
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