कार से एक्टिवा टकराने पर एक्टिवा सवार की गोली मार हत्या करने एवं आयुध अधिनियम के आरोप से व्यवसाई दोष मुक्त

न्यायालय मुख्य सुर्खियां
विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट मे आरोपी की पिस्टल से गोली चलनें की नही हुई पुष्टि
तत्कालीन थानाध्यक्ष अजय कौशल ने कहा घटना स्थल पर खोखा कारतूस एवं रक्त नही मिला
वादी ने कहा उसने लाल रंग की कार बताई थी पुलिस ने नीली बलेनों कर दी
कार भी आरोपी की ना हो भगवान दास अग्रवाल नामक व्यक्ति की निकली
गवाह मनीष अग्रवाल ने कहा पुलिस ने दो दिन हिरासत में रख आरोपी के विरुद्ध गवाही देने का बनाया था दबाब
गवाही नहीं देने पर आरोपी के साथ जेल भेजने की दी थी धमकी

आगरा ९ मई ।

हत्या एवं आयुध अधिनियम के तहत आरोपित व्यवसायी राजीव अग्रवाल पुत्र रमाशंकर अग्रवाल (मैदा वाले) निवासी कमला नगर, थाना न्यू आगरा को विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट एवं गवाहों द्वारा घटना का समर्थन नही करने पर विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र माननीय दिनेश कुमार चौरसिया ने दोष मुक्त करने के आदेश दिये।

थाना हरीपर्वत में दर्ज चर्चित मामले के अनुसार वादी मुकदमा विशाल अग्रवाल ने थाने पर तहरीर दे, आरोप लगाया कि 7 दिसम्बर 2019 की रात्रि 9:30 बजे करीब उनका छोटा भाई राहुल अग्रवाल सुभाष बाजार, रौशन मोहल्ला स्थित दुकान से एक्टिवा से घर आ रहा था। वाटरवर्क्स चौराहे के समीप नीली कार सवार अज्ञात लोगों ने एक्टिवा रोक लूट की नीयत से उसे गोली मार दी।

उसके भाई को उसके दोस्तों विवेक अग्रवाल एवं नीरज राठौर द्वारा घायल अवस्था में ऑटो में लिटा कर एस एन इमरजेंसी ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने घटना के दूसरे दिन आरोपी राजीव अग्रवाल को आरबीएस कालेज के पास से बलेनो कार, पिस्टल एवं चार जिंदा कारतूस सहित गिरफ्तार कर मृतक राहुल अग्रवाल की हत्या के आरोप में जेल भेजा था।

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अभियोजन की तरफ से उक्त मामले में वादी मुकदमा विशाल अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, श्वेता अग्रवाल, नीरज राठौर, विवेक कुमार मित्तल, तत्कालीन थानाध्यक्ष अजय कौशल, डॉक्टर अजय यादव, पुलिस कर्मी बिजेंद्र सिंह एवं एसआई अमित प्रसाद को बतौर गवाह अदालत में पेश किया।

गवाही के दौरान वादी मुकदमा ने स्वीकार किया कि उसने पुलिस को लाल कार बताई थी पुलिस ने तहरीर में कार नीली करवा दी थी। घटना उसके सामने नही हुई थी।गवाह मनीष अग्रवाल नें कथन किया कि आरोपी की मोबाइल की कॉल डिटेल में उसका नम्बर होने के चलते पुलिस ने उसे दो दिन हिरासत में रख उस पर आरोपी के विरुद्ध बयान देने का दबाब बनाया था ।

अन्यथा आरोपी के साथ उसे भी जेल भेजनें की धमकी दी थी। आरोपी से बरामद दिखाई गई कार भी आरोपी की ना होकर किसी भगवान दास अग्रवाल के नाम दर्ज पाई गई । विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में भी मृतक के शरीर से बरामद बुलेट आरोपी की पिस्टल से चलने का साक्ष्य नहीं मिला।

विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र ने साक्ष्य के अभाव एवं आरोपी के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय आहूजा एवं साजिद अहमद के तर्क पर आरोपी को दोष मुक्त करने के आदेश दिये।

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विवेक कुमार जैन
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