आगरा 11 फरवरी ।
थाना एत्माद्दौला के पुलिस के ऊपर जान लेवा हमले के एक मामले में अभियोजन पक्ष कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका । कोर्ट ने आरोपी फैजा उर्फ फैयाज निवासी इस्लामनगर एत्माद्दौला आगरा को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
घटना दिनांक 4 अक्टूबर 2015 की है कांस्टेबल अखंड प्रताप अपने साथी अन्य पुलिस कर्मी शौकीन सिंह के साथ दिन में करीब 9:05 पर फाउंड्री नगर में ड्यूटी पर मामूर थे कि इस्लामनगर मोड पर पहुंचे तो दो-तीन लोग पुलिस वालों को देखकर भागने लगे । एक व्यक्ति खड़ा रहा ।
उससे उन लोगों के भागने का कारण पूछा तो आरोपी ने अपना नाम फ़ैजा उर्फ फैयाज निवासी इस्लामनगर बताते हुए अनर्गल बातें करने लगा तथा हाथापाई करने लगा और गाली गलौज करते हुए जान से मारने की नियत से गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की तथा बर्दी फाड़ दी।
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तभी साथी कांस्टेबल शौकीन सिंह ने किसी तरह वादी को बचाया । लेकिन कोर्ट में दोनों गवाहों से आरोपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजा बाबू शर्मा, राम शर्मा एवं अंशुल भारद्वाज द्वारा की गई जिरह में वादी एवं साथी गवाह शौकीन सिंह कोई ठोस जवाब नहीं दे सके और ना ही जीडी में वर्दी फाड़ने का जिक्र किया गया ना ही चोट का कोई मेडिकल पाया गया ।
शौकीन सिंह ने कहा कि उसने वादी अखंड प्रताप सिंह की वर्दी फटी हुई नहीं देखी थी और ना ही उसके खून निकला था। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया।
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