आगरा/प्रयागराज: ११ अगस्त ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अनूठा मामला सामने आया है, जहां एक अधिवक्ता बेटी ने अपने आईजी पिता के एक फैसले को कानूनी लड़ाई लड़कर गलत साबित कर दिया।
बेटी ने यूपी पुलिस के एक बर्खास्त कांस्टेबल की बहाली कराकर अपनी कानूनी सूझबूझ का परिचय दिया। इस मामले में पूर्व आईजी ने भी अपनी हार को बेटी के कर्तव्य की जीत माना है।
यह मामला बरेली में तैनात कांस्टेबल तौफीक से जुड़ा है। तौफीक पर 13 जनवरी 2023 को त्रिवेणी एक्सप्रेस में एक नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था।इसके बाद बरेली जीआरपी थाने में उसके खिलाफ पॉक्सो और एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी और उसे जेल भेज दिया गया था।
तत्कालीन एसएसपी अखिलेश चौरसिया ने इस मामले में विभागीय जांच के आदेश दिए। जांच रिपोर्ट में तौफीक पर लगे आरोप सही पाए गए और एसएसपी ने उसे बर्खास्त कर दिया। इसके बाद तौफीक ने अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ अपील की, जिसे बरेली रेंज के तत्कालीन आईजी डॉ. राकेश सिंह और एडीजी जोन प्रेमचंद मीणा ने भी खारिज कर दिया।
हालांकि, 10 महीने पहले स्थानीय कोर्ट ने तौफीक को छेड़छाड़ के मामले में बरी कर दिया था। इसके बाद उसने अपनी बर्खास्तगी को रद्द कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की।
इस केस के लिए तौफीक ने अधिवक्ता अनुरा सिंह से संपर्क किया। अनुरा सिंह ने जब इस मामले को देखा तो उन्हें पता चला कि यह केस उनके पिता, तत्कालीन आईजी डॉ. राकेश सिंह के फैसले से जुड़ा है। इसके बावजूद उन्होंने इस केस को लड़ने का फैसला किया।
अधिवक्ता अनुरा सिंह ने कोर्ट में यह दलील दी कि विभागीय जांच में तकनीकी खामियां थीं।उन्होंने बताया कि नियम के अनुसार, जांच अधिकारी सिर्फ आरोप सिद्ध होने की रिपोर्ट दे सकता है, बर्खास्तगी की सिफारिश नहीं कर सकता। इस मामले में जांच अधिकारी ने खुद बर्खास्तगी की सिफारिश की थी, जबकि यह अधिकार एसएसपी के पास था।
जस्टिस अजीत कुमार की सिंगल बेंच ने इस दलील को स्वीकार करते हुए 31 जुलाई 2025 को तौफीक की बर्खास्तगी का आदेश रद्द कर दिया और उसे बहाल करने का आदेश दिया।
इस मामले में पूर्व आईजी डॉ. राकेश सिंह, जो अप्रैल में रिटायर हो चुके हैं, ने स्वीकार किया कि विभागीय जांच में कुछ कमियां रह गई थीं।
उन्होंने कहा,
“मेरी बेटी ने अपना कर्तव्य निभाया।बेटी से हारने में भी मुझे खुशी महसूस हो रही है, क्योंकि हम दोनों ने अपने-अपने कर्तव्य का पालन किया”।
अनुरा सिंह ने बताया कि अदालत का फैसला आने के बाद ही तौफीक को पता चला कि वह पूर्व आईजी डॉ. राकेश सिंह की बेटी हैं।
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