दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिया केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल को न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का चार सप्ताह में पालन करने का अंतिम अवसर

उच्च न्यायालय मुख्य सुर्खियां
न्यायालय ने कहा कि सरकार, जिससे एक निष्पक्ष मुकदमेबाज होने की उम्मीद की जाती है, लेकिन वह कर रही है एक निजी पक्ष की तरह व्यवहार

आगरा/नई दिल्ली:6 जून ।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ ) को फटकार लगाते हुए निर्देश दिए हैं कि वे विभिन्न याचिकाकर्ताओं को दिए गए आदेशों का पालन चार सप्ताह के भीतर करें। न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी कि यदि इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारी अदालत की अवमानना के लिए उत्तरदायी होंगे।

न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने राकेश कुमार दोहरे, उमेश कुमार सिंह, अजित कुमार और शिश राम सहित कई याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर अवमानना याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। ये याचिकाएं 7 जनवरी, 2022 को एक उच्च न्यायालय खंडपीठ द्वारा पारित निर्णय का पालन न करने के संबंध में थीं।

अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि 7 जनवरी, 2022 के फैसले में प्रतिवादियों (सीआरपीएफ) को निर्देश दिया गया था कि वे याचिकाकर्ताओं को वही राहत प्रदान करें जो एसआई जीडी विनोद कुमार बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में 4 फरवरी, 2019 के फैसले से मिली थी, क्योंकि याचिकाकर्ता समान रूप से स्थित थे।

न्यायालय ने यह भी उल्लेख किया कि प्रतिवादियों द्वारा दायर समीक्षा याचिका को भी 17 जनवरी, 2025 को खारिज कर दिया गया था, लेकिन उसके बाद भी चार महीने बीत जाने के बावजूद आदेश का पालन नहीं किया गया।

Also Read – पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी या संस्थागत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य है-मा.संजय कुमार मलिक

उच्च न्यायालय ने कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट केस (सिविल)संख्या 473/2022 में 2 मई, 2022 को पारित पिछले आदेशों को दोहराते हुए सरकार के रवैये पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की। न्यायालय ने कहा कि यह “निराशाजनक” है कि सरकार, जिससे एक निष्पक्ष मुकदमेबाज होने की उम्मीद की जाती है, एक निजी पक्ष की तरह व्यवहार कर रही है।

न्यायालय ने इस बात की भी निंदा की कि प्रत्येक याचिकाकर्ता को, जिनके पक्ष में आदेश पारित किए गए थे, अलग से अवमानना याचिका दायर करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

न्यायालय ने कहा कि

“यह अच्छी तरह से स्थापित है कि यदि कोई व्यक्ति अदालत का दरवाजा खटखटाता है और अपने पक्ष में आदेश प्राप्त करता है, तो यह उम्मीद की जाती है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि लाभ अन्य सभी व्यक्तियों को भी दिया जाए जो याचिकाकर्ता के समान रूप से स्थित हैं, बिना उन्हें अदालत आने के लिए मजबूर किए।”

सीआरपीएफ के कांस्टेबल (जीडी) जितेंद्र गौतम अदालत में उपस्थित थे और उन्होंने आश्वासन दिया कि आदेशों को अब अधिकतम चार सप्ताह के भीतर लागू कर दिया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई, 2025 को ‘अनुपालन’ के लिए सूचीबद्ध की गई है। प्रतिवादियों की तरफ़ से प्रभावी पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित शर्मा और भानु गुप्ता द्वारा की गई ।

Attachment/Order/Judgement – ==REGN NO.236==Court order dated RAKESH KUMAR DOHARE, Umesh Kumar, Shish Ram, Ajit Kumar

Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp  – Group BulletinChannel Bulletin
विवेक कुमार जैन
Follow me

1 thought on “दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिया केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल को न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का चार सप्ताह में पालन करने का अंतिम अवसर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *