बाल कल्याण समिति ने परिजनों के किया सुपुर्द
आगरा १९ जुलाई ।
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नाबालिग दसवीं की छात्रा को पेश करने के आदेश पुलिस को जारी करते ही आरोपी पक्ष में खलबली मच गई गई और नाटकीय अंदाज में छात्रा थाना एत्माद्दौला में हाजिर हो गई। यह देखकर पुलिस भी चकरा गई। कानूनी कार्रवाई के बाद किशोरी को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
मामले के अनुसार एत्माद्दौला की रहने वाली किशोरी को एक युवक बहला फुसलाकर ले गया। उसने किशोरी के आपत्तिजनक फोटो खींचकर लिए थे जिस पर वह लंबे समय से ब्लैकमेल कर रहा था। परिजनों ने थाना एत्माद्दौला में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस किशोरी को खोज न सकी।इसी बीच युवक ने छात्रा से विवाह रचा लिया।
पुलिस किशोरी को तलाशने में नाकाम हुई तो परिजनों ने चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस से मदद मांगी। उन्होंने अधिवक्ता विपिन चन्द्र पाल के माध्यम से हाईकोर्ट इलाहाबाद में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कराई। जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पांच मई को पुलिस को छात्रा को कोर्ट में पेश करने के आदेश जारी किए।
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इसकी भनक लगते ही किशोरी थाना एत्माद्दौला में हाजिर हो गई। यह देखकर पुलिस दंग रह गई। अब अभियोजन अधिकारी से विधिक राय लेगी। छात्रा का पुलिस ने मेडिकल कराकर न्यायालय में पेश किया। जिससे बाद बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया।
काउंसलिंग करने के बाद शपथपत्र लेकर निमेष बेताल, अर्चना उपाध्याय, हेमा कुलश्रेष्ठ और रेनू चतुर्वेदी ने किशोरी को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
परिजन भावुक हो गए। आंखों से आंसू बह रहे थे और आपस में गले मिल रहे थे। परिजनों ने नरेश पारस का आभार जताया। इस दौरान अंकुर शर्मा, राजू कुशवाह और विक्रम मौजूद रहे।
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