अश्लील छेड़ छाड़, पॉक्सो एक्ट एवं धमकी का आरोप नहीं हो सका सिद्ध
आगरा 27 जनवरी ।
घर में घुस गाली गलौज, मारपीट के मामलें में आरोपित मनीष, धीरेंद्र, शैलेन्द्र एवं अजय निवासी गण ग्राम तोरा, थाना ताजगंज, जिला आगरा को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट माननीय परवेज अख्तर ने दोषी पाने के बाद भी जेल की सजा ना देकर दो वर्ष की परिवीक्षा पर रिहाई के आदेश दिये।
थाना ताजगंज में दर्ज मामले के अनुसार वादी मुकदमा ने थानें पर तहरीर दें आरोप लगाया कि 29 अगस्त 2016 की सुबह दस बजे करीब वह काम पर जानें कें लियें तैयार हो रहा था।
उसी दौरान आरोपियों ने वादी कें घर में घुस गाली गलौज एवं उसके साथ मारपीट की । वादी की पुत्रियों द्वारा बचाने का प्रयास करने पर आरोपियों ने उन्हें नीचे गिरा उनके कपड़ें फाड़ कर उनके साथ अभद्रता की।
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वादी की तहरीर पर आरोपियो के विरुद्ध घर में घुस मारपीट, गाली गलौज, धमकी, अश्लील छेड़छाड़ एवं पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।
मामले के विचारण उपरांत अदालत ने आरोपियों के विरुद्ध अश्लील छेड़छाड़, धमकी एवं पॉक्सो एक्ट का आरोप सिद्ध नहीं हो पाने पर उन्हें घर में घुस गाली गलौज एवं मारपीट आरोप में दोषी पाने के बाबजूद जेल की सजा से दंडित नहीँ कर दो वर्ष की परिवीक्षा पर रिहाई के आदेश दिये।
अदालत नें अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि आरोपी परिवीक्षा अवधि के दौरान किसी अपराध में संलिप्त नहीँ होंगे एवं सदाचार वह परिशांति बनाये रखेंगे। यदि वह किसी अपराध में संलिप्त पायें जाते हैं तो न्यायालय द्वारा तलब कियें जाने पर दण्ड भोगने के लिये अदालत में हाजिर होंगे।
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