“न्याय चला निर्धन से मिलने”के उद्देश्य के साथ होता है राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन :मा.संजय कुमार मलिक

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राष्ट्रीय लोक अदालत में वाहन चालान के संबंध में भुगतान की गई धनराशि की प्राप्ति रसीद सबको अनिवार्य रूप से दिए जाने के निर्देश

आगरा, 13 सितंबर, 2025 ।

आगरा में 13 सितंबर को जिला अदालत परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन आगरा के जिला जज, माननीय संजय कुमार मलिक ने किया।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि साल में चार बार आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य आम जनता को अधिकतम लाभ पहुंचाना है।

उन्होंने लोक अदालत की अवधारणा को “न्याय चला निर्धन से मिलने” के रूप में परिभाषित किया।

माननीय जिला जज ने कहा कि यह एक ऐसा मंच है जहां न्यायिक अधिकारी सीधे जनता से मिलकर और आपसी समझौते के आधार पर मामलों का निपटारा करते हैं।

आमतौर पर, अदालती कार्यवाही में लोग सीधे न्यायिक अधिकारियों से बात नहीं कर पाते क्योंकि उनके अधिवक्ता उनका प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन लोक अदालत में जनता को सीधे अपनी बात रखने और न्याय पाने का मौका मिलता है।

वाहन चालान और भुगतान रसीद पर निर्देश

वाहन चालानों की बढ़ती संख्या पर बोलते हुए, उन्होंने बताया कि तीन महीने में बड़ी संख्या में चालान जमा हो जाते हैं, जिसके लिए अतिरिक्त स्टाफ लगाया गया है।

चालानों को पूरी तरह माफ करने के विषय पर उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा करने से कानून का दुरुपयोग बढ़ जाएगा और लोग वाहन चलाते समय नियमों का उल्लंघन करने लगेंगे।

भुगतान रसीद न दिए जाने की शिकायतों पर माननीय जिला जज ने सख्त निर्देश दिए कि वाहन चालान के संबंध में जो भी भुगतान किया जाए, उसकी रसीद प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्य रूप से दी जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को इस संबंध में कोई शिकायत हो तो वह राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी या सीधे उनसे शिकायत कर सकता है।

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विवेक कुमार जैन
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