देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि कोई भी सामाजिक समूह ‘मेहतर वर्ग’ के रूप में पैदा नहीं हुआ, यह धारणा कि कुछ व्यवसाय ‘अपमानजनक’ हैं, अस्पृश्यता का पहलू है
आगरा / नई दिल्ली 04 अक्टूबर। सुप्रीम कोर्ट ने सुकन्या शांता बनाम भारत संघ मामले की सुनवाई करते हुए जेल मैनुअल/नियमों के प्रावधानों पर प्रकाश डाला, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत निषिद्ध अस्पृश्यता को फिर से स्थापित करते हैं। Also Read – ‘अगर आप इस तरह से हस्तक्षेप करेंगे तो लोकतंत्र का क्या […]
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