आगरा 19 अगस्त । कोलकाता के आर.जी. कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है और 20 अगस्त सुनवाई के लिए नियत कर दी है।
सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ मंगलवार को मामले की सुनवाई करेगी।
इस मामले में न्यायालय “कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या तथा संबंधित मुद्दे।”के संबध में निर्णय लेगा।इस मामले को न्यायालय में आज यानी सोमवार को दोपहर दर्ज किया गया है।
ज्ञातव्य है कि कोलकाता के आर.जी. कर अस्पताल के सेमिनार रूम में 9 अगस्त 2024 को एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव मिला था। इस संबंध में कोलकाता पुलिस ने अगले दिन नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया। इस मामले में 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता पुलिस से असंतुष्टि व्यक्त करने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने पीड़िता के माता-पिता में से एक और कुछ अन्य व्यक्तियों द्वारा दायर याचिकाओं पर कार्रवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की हाईकोर्ट खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा की”पीड़िता के माता-पिता को आशंका है कि अगर जांच इसी तरह जारी रहने दी गई तो यह पटरी से उतर जाएगी। इसलिए वे असाधारण राहत की प्रार्थना करते हैं। एक और परेशान करने वाला पहलू यह है कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया। यह प्रस्तुत किया गया कि ऐसे मामले तब दर्ज किए जाते हैं, जब कोई शिकायत नहीं होती। जब मृतक उसी अस्पताल में डॉक्टर थी तो यह आश्चर्य की बात है कि प्रिंसिपल ने शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई ? जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई। प्रशासन पीड़िता या उसके परिवार के साथ नहीं था। प्रिंसिपल ने बयान भी नहीं दिया। जांच में कोई खास प्रगति के बिना हम पीड़िता के माता-पिता की प्रार्थना स्वीकार करने में पूरी तरह से न्यायसंगत होंगे कि सबूत नष्ट कर दिए जाएंगे। इसलिए हम पक्षकारों के बीच न्याय करने और जनता का विश्वास जगाने के लिए जांच को CBI को सौंपते हैं।”
इस दौरान हाईकोर्ट ने 14 अगस्त को विरोध प्रदर्शन के दौरान आरजी कर अस्पताल में हुई बर्बरता के लिए पश्चिम बंगाल की मशीनरी की खिंचाई भी की थी।महिला डॉक्टर के साथ बर्बरतापूर्ण कृत्य और हत्या के विरोध में पूरे देश के चिकित्सक समाज ने एक दिन का बंद रख कर अपना विरोध प्रदर्शित किया था।इसको लेकर अन्य कई संगठन भी अपना विरोध सरकार के समक्ष कर रहे है।
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