आगरा: ४ जून ।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम ) ने आदेशों का पालन न करने पर जिला आबकारी अधिकारी के खिलाफ नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई एक होटल संचालक और पूर्व क्रिकेटर ओम यादव उर्फ ओमवीर द्वारा पुलिस और आबकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग वाले प्रार्थना पत्र पर की गई है।
सीजेएम ने जिला आबकारी अधिकारी के कृत्य को “अत्यंत आपत्तिजनक” मानते हुए उन्हें निर्धारित तिथि पर अदालत में आख्या (रिपोर्ट) प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
मामले के अनुसार, ओम यादव ने अदालत में प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि 7 फरवरी 2021 की देर रात लगभग 1:38 बजे, एसआई मोहित सिंह, एसआई प्रदीप कुमार, एसआई सुधीर राठी, एसआई जय कुमार और पुलिसकर्मी ब्रज कुमार, प्रतीक जादौन, सत्येंद्र कुमार, अजय कुमार सैनी, अभिषेक कुमार, कुलदीप, हरेंद्र कुमार, आबकारी अधिकारी, आबकारी सिपाही प्रेम प्रकाश, अमरजीत और प्रमोद टाटा सूमो से आए। उन्होंने खुद को एसओजी टीम बताकर खाना खिलाने को कहा। जब ओम यादव ने होटल बंद होने का हवाला देते हुए असमर्थता जताई, तो वे उग्र हो गए।
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प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि पुलिसकर्मियों ने ओम यादव की कमर पर पिस्टल लगाकर उन्हें जबरन टाटा सूमो में बैठाकर अपने साथ ले गए। शोर सुनकर होटल कर्मी भी जाग गए।
ओम यादव का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनसे 20,450/- रुपये और एक आईफोन छीन लिया। उन्हें थाना ताजगंज ले जाकर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी और अधिक पैसे की मांग की। उस दौरान थाने में आबकारी विभाग के अधिकारी और उनके द्वारा आबकारी अधिनियम में पकड़े गए आरोपी भी मौजूद थे।
पैसे देने से इनकार करने पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें उन्हीं आरोपियों के साथ चालान कर जेल भेज दिया। इस झूठे मामले में ओम यादव को बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।
सीजेएम ने ओम यादव के प्रार्थना पत्र पर जिला आबकारी अधिकारी से 18 अप्रैल 2025 को आख्या मांगी थी। इतने दिनों तक आख्या प्रस्तुत न करने पर सीजेएम ने इसे गंभीरता से लिया है और जिला आबकारी अधिकारी के खिलाफ नोटिस जारी कर आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। यह घटना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
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