न्यायालय ने पराक्रम्य लिखित अधिनियम की धारा 138 के तहत अभियुक्त को किया समन जारी
आगरा, 7 अक्टूबर 2025 –
न्यायिक दण्डाधिकारी / अपर व्यवहार न्यायाधीश (अवर खंड) न्यायालय संख्या 06, आगरा माननीय शिखा सिंह ने मै० सुधीर बंसल एण्ड संस के एक पार्टनर श्री सुधीर बंसल को चेक अनादरण (बाउंस) के एक मामले में विचारण के लिए समन जारी किया है।
यह कार्रवाई मै० नितिन वॉच कंपनी द्वारा दायर एक परिवाद (शिकायत) के बाद की गई है।
अपर व्यवहार न्यायाधीश माननीय शिखा सिंह ने अपने आदेश में, पराक्रम्य लिखित अधिनियम (Negotiable Instruments Act) की धारा 138 के तहत प्रथम दृष्टया सुधीर बंसल को विचारण के लिए तलब करने के पर्याप्त आधार माना है ।
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क्या है मामला ?
परिवादी मै० नितिन वॉच कंपनी के स्वामी सुमेर चंद जैन ने अपने अधिवक्ता योगेन्द्र वार्ष्णेय, नरेश कुमार और विवेक कुमार जैन के माध्यम से आरोप लगाया कि उन्हें विपक्षी मै० सुधीर बंसल एण्ड संस ने धन अदायगी के लिए 4,00,000/- रुपये का एक चेक (संख्या 002159, दिनांक 15.09.2024) दिया था।
यह चेक 24.09.2024 को बैंक में जमा करने पर अनादरित हो गया।इसके बाद मै० नितिन वॉच कंपनी ने 03.10.2024 को विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भेजा। न्यायालय को सूचित किया गया कि नोटिस मिलने के बावजूद भी विपक्षी द्वारा राशि का भुगतान नहीं किया गया, जिसके चलते यह परिवाद न्यायालय में दायर किया गया।

न्यायालय का आदेश:
न्यायालय ने परिवादी के अधिवक्ताओं को सुनने और उपलब्ध साक्ष्यों, जिनमें मूल चेक, मीमो (अनादरण रसीद), नोटिस प्रति और डाक रसीद शामिल हैं, का अवलोकन करने के बाद सुधीर बंसल को पराक्रम्य लिखित अधिनियम की धारा 138 के अपराध में विचारण हेतु 25 नवंबर 2025 के लिए समन जारी किया है।
परिवादी को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह आवश्यक पैरवी और गवाहों की सूची एक सप्ताह के भीतर न्यायालय में दाखिल करे।
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