अदालत ने आरोपी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु दिया नोटिस
पूर्व में आरोपी को अपना पक्ष रखनें का नहीँ था अधिकार
प्रतिकूल आदेश पारित होने पर जिला जज की अदालत में करना पड़ता था रिवीजन या हाईकोर्ट में याचिका करनी पड़ती थीं दाखिल
विपक्षी को अपना पक्ष रखने के लिये समय एवं धन करना पड़ता था खर्च
आगरा 17 जनवरी ।
चैक डिसऑनर होने के मामले मे आरोपित जितेंद्र कुमार प्रोप्राइटर त्यागी इलेक्ट्रॉनिक कमला नगर, जिला आगरा को मुकदमे में विचारण हेतु तलब करने के आदेश पारित करने से पूर्व अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु एसीजेएम 7 माननीय अनुज कुमार सिंह ने नोटिस जारी करने के आदेश दिये।
मामले के अनुसार वादी मुकदमा प्रमोद यादव निवासी गोविंद पुरी, कमला नगर ने अपने अधिवक्ता शिव शंकर मुदगल के माध्यम से अदालत में मुकदमा दायर कर आरोप लगाया कि आरोपी ने वादी से अपनी दुकान बेचने का 40 लाख में सौदा तय कर 7 लाख 50 हजार रुपये बतौर एडवांस प्राप्त कर एक माह में दुकान का बैनामा करनें का वायदा किया था।
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तय समय पर बैनामा नहीँ करने पर आरोपी से बात करने पर उसनें कहा अब दुकान की कीमत बढ़ने पर वह बैनामा नहीँ कर सकता। वादी द्वारा अपनी धनराशि वापस मांगने पर आरोपी द्वारा चैक दिया गया जो डिसऑनर हो गया था।
पूर्व कानून मे किसी के विरुद्ध परिवाद दायर करने पर सिर्फ वादी का पक्ष जानकर अदालतें आरोपी को मुकदमें के विचारण हेतु उसे तलब करने के आदेश पारित कर देती थीं उसमें आरोपी को अपना पक्ष रखने का कोई अधिकार नहीं था। आरोपी अपने विरुद्ध आदेश पारित होने पर जिला जज की अदालत में अधीनस्थ न्यायालय के आदेश कें विरुद्ध या तो रिवीजन कर सकता था अथवा हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर राहत प्राप्त कर सकता था।
एक जुलाई 23 से नये कानून के अस्तित्व में आने से आरोपी को भी अधीनस्थ न्यायालय में अपना पक्ष प्रस्तुत करनें का अधिकार मिलने से समय एवं पैसे की बर्बादी पर अंकुश लग रहा हैं । उक्त मामले में एसीजेएम 7 माननीय अनुज कुमार सिंह ने आरोपी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु 3 फरवरी के लिये नोटिस जारी करने के आदेश दिये।
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