आगरा 24 मार्च ।
राणा सांगा को गद्दार कहने के मामले में आगरा सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन माननीय शिवानंद गुप्ता की अदालत में अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने सिविल केस संख्या 350/2025 दायर किया।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार समाचार पत्रों व सोशल मीडिया से जानकारी मिली कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव व राज्य सभा सांसद रामजीलाल सुमन राणा सांगा को गद्दार बोल रहे है जिनका समर्थन सपा मुखिया अखिलेश यादव भी कर रहे है।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि ब्रिटिश सरकार की अधिकारी ए एस बिबरिज ने बाबरनामा का अंग्रेजी में अनुवाद किया है जिसमें साफ-साफ यह लिखा है कि बाबर को इब्राहिम लोदी के विरुद्ध पंजाब के गवर्नर दौलत खान लोदी ने भारत आमंत्रित किया था और वर्ष 1884-84 के लाहौर गजेटियर के पेज संख्या-20 पर यही तथ्य लिखा है ।
बाबर को इब्राहिम लोदी के विरुद्ध दौलतखान लोदी ने बुलाया था। जब ब्रिटिश सरकार के 100-150 साल पुराने अभिलेखों जब यह लिखा है कि बाबर दौलतखान लोदी ने भारत पर आक्रमण करने के लिए आमंत्रित किया था तो किन दस्तावेजों के आधार पर रामजीलाल सुमन यह दावा कर रहे है कि बाबर को इब्राहीम लोदी के विरुद्ध राणा सांगा ने आमंत्रित किया था। जिसका समर्थन अखिलेश यादव भी कर रहे है।
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बाबरनामा का विश्लेषण करने पर यह पता चलता है कि बाबर व राणा सांगा के बीच में युद्ध 11 फरवरी 1527 से 17 मार्च 1527 चला। बाबर का कैम्प खानवा में पहाड़ी के निकट था, बाबरनामा का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि 17 मार्च 1527 को अंतिम निर्णायक युद्ध सीकरी किले पर लड़ा गया जिसमें राणा सांगा घायल हो गए थे और सीकरी के कामाख्या माता मंदिर परिसर(जामा मस्जिद) में 250-300 कब्रें उन्ही मुगल सैनिको की है जो कि बाबर-राणा सांगा की सेना के युद्ध में मारे गए थे।
न्यायालय से मांग की है कि न्यायालय द्वारा यह उदघोषणा की जाए कि बाबर को इब्राहिम लोदी पर आक्रमण करने के लिए दौलतखान लोदी ने भारत आमंत्रित किया था न कि राणा सांगा ने और 17 मार्च 1527 ई० के अंतिम निर्णायक युद्ध सीकरी किले पर हुआ था न कि खानवा में।
केस की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन में हुई व फाइल को अग्रिम आदेश के लिये रख लिया गया, दौरान सुनवाई वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश सिकरवार, एस पी सिंह सिकवार, शिव आधार सिंह तोमर, संतोष धाकरे न्यायालय में उपस्थित रहे।
Attachment/Order/Judgement – plaint-10
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