कुख्यात एवं शातिर बिल्लू वर्मा ने कई सर्राफा व्यवसायियों के साथ अपराधिक घटना को दिया था अंजाम
सर्राफा व्यवसायियों मे उसकी दहशत थीं व्याप्त
पुलिस कें एनकाउंटर करने के भय से 6 जून को गुपचुप तरीके से किया था अदालत में समर्पण
आगरा 24 अगस्त ।
लूट, हत्या प्रयास एवं आपराधिक षड्यन्त्र के तहत आरोपित शातिर एवं कुख्यात विनय वर्मा उर्फ बिल्लू वर्मा पुत्र महेंद्र वर्मा निवासी लुहारीमल का कूंचा, सेव का बाजार थाना कोतवाली, जिला आगरा एवं राहुल पुत्र कल्लन निवासी निजामुद्दीन इंटर कालेज के पास, कस्बा फरह को दोषी पाते हुये विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र माननीय नीरज कुमार बक्शी ने दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं तीस हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है।
थाना हरीपर्वत में दर्ज मामले के अनुसार वादी मुकदमा के पिता रवि मोहन तिवारी अपने साथी ब्रजेश पचौरी के साथ किनारी बाजार स्थित सर्राफा बाजार से स्कूटर के माध्यम से चांदी के जेवर लेकर जा रहे थे, रास्ते में पीछे से आये अपाचे मोटरसाइकिल सवार तीन बदमाशों ने सेंट जोसफ स्कूल के पास वादी के पिता का स्कूटर रोक उन पर तमंचा तान कर कहा जो भी कुछ माल हैं वह उनके हवाले कर दो ।
वादी के पिता के मना करने पर बदमाशों ने उस के पिता पर गोली चला दी, पैर में गोली लगनें से वादी के पिता गम्भीर रूप से घायल हो गये, घटना कारित करनें वालें एक बदमाश की पहचान वादी के पिता ने बिल्लू वर्मा कें रूप में की थीं, वह पूर्व में उनकी ही गली में रहता था। बदमाश तमंचे लहराते हुये घटना स्थल से फरार हो गये, चुटैल रवि मोहन तिवारी के साथी ब्रजेश पचौरी नें घटना के दौरान अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से बदमाशों के ऊपर दो फायर भी किये थे, वादी के पिता को गम्भीर अवस्था में जी.जी.हॉस्पिटल संजय प्लेस में भर्ती कराया गया था, थाना हरीपर्वत पुलिस ने मुकदमे की विवेचना के उपरांत लूट, हत्या प्रयास एवं आपराधिक षड्यन्त्र के आरोप में आरोपी विनय वर्मा उर्फ बिल्लू वर्मा, अमित उर्फ मोनू चौधरी, राहुल के विरुद्ध उक्त धारा एवं आरोपी नीरज चौरसिया के विरुद्ध आपराधिक षड्यन्त्र के तहत आरोप पत्र अदालत में प्रेषित किया था।
अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमें कें विचारण हेतु वादी मुकदमा वरुण तिवारी, चुटैल रवि मोहन तिवारी, ललित त्यागी, ब्रजेश पचौरी, डॉ डी.सी.गोयल, पुलिसकर्मियों संजीव कुमार अवस्थी, विनय प्रकाश सिंह को एडीजीसी नाहर सिंह तोमर ने बतौर गवाह अदालत में पेश किया।
आरोपी अमित उर्फ मोनू चौधरी कें अदालत में हाजिर नहीँ होने पर उसकी पत्रावली अदालत ने पृथक कर दी है।
सजा सुनाएं जानें के दौरान आरोपी नीरज चौरसिया पुत्र उमेश चौरसिया निवासी पत्तल वाली गली, नमक की मंडी, थाना कोतवाली, जिला आगरा के उपस्थित नही रहने के कारण अदालत ने उसकें विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी करने के आदेश दिये।
कुख्यात आरोपी विनय वर्मा उर्फ बिल्लू वर्मा एवं राहुल को दोषी पातें हुये विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र माननीय नीरज कुमार बक्शी ने दस वर्ष सश्रम कारावास एवं तीस हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है।
सर्राफा व्यवसायियों कें मध्य आतंक का पर्याय था आरोपी बिल्लू वर्मा कुछ वर्ष पूर्व तक सर्राफा व्यवसायियों कें मध्य आरोपी बिल्लू वर्मा की दहशत व्याप्त थीं उनके साथ जो भी घटना होती थी उस में आरोपी बिल्लू वर्मा का हाथ पाया जाता था, कुछ ही समय में शातिर सर्राफा व्यवसायियों को निशाना बनाने के कारण अत्यंत कुख्यात हो गया था, सर्राफा बाजार कमेटी के अध्यक्ष पर भी जान लेवा हमले के मामले में उस पर मुकदमा दर्ज हुआ था । बामुशिकल लंबे चले इलाज के उपरांत उनकीं जान बच सकी थी।
विगत जून माह में कुख्यात बिल्लू वर्मा एन काउंटर के भय से अदालत में आत्म समर्पण कर जेल चला गया था उक्त मामलें में आरोपी बिल्लू वर्मा के भाई मोनू वर्मा ने आरोपी की जमानत हेतु प्रार्थना पत्र सीजेएम आगरा की अदालत में प्रस्तुत किया था जिसका आरोपी ने स्वयं विरोध करतें हुये अदालत से जमानत नहीं देने का आग्रह किया था।
जमानत नहीं देने का विरोध करते हुए शातिर बिल्लू ने न्यायालय में कहां कि सर हाथरस पुलिस मेरी जबरन जमानत कराकर एनकाउंटर करना चाहती है मैं जमानत नहीं कराना चाहता हूं।
10 जून को न्यायालय में हुआ था पुलिस और अधिवक्ताओं में शह और मात का खेल |
विनय वर्मा उर्फ बिल्लू वर्मा प्रकरण में 6 जून को शातिर के आत्म समर्पण के बाद 10 जून को सिविल कोर्ट आगरा में सीजेएम के न्यायालय में यह मामला आया था जिसमें हाथरस पुलिस जेल में बंद आरोपी की जमानत के लिए उसके भाई को पकड़कर जबरन जमानत प्रार्थना पत्र लगवा दियाथा।
कोर्ट ने जेल में बंद आरोपी विनय वर्मा उर्फ बिल्लू वर्मा को 10 जून को कोर्ट में तलब किया गया था तब शातिर ने सीजेएम आगरा माननीय अचल प्रताप सिंह के समक्ष हाजिर होकर बयान दिया कि सर हाथरस पुलिस मेरे भाई और मां को सात आठ दिन से अवैध हिरासत में लिए हुए हैं । मार मार कर मेरे भाई का हाथ भी तोड़ दिया है और जबरन मेरे भाई से मेरी जमानत का प्रार्थना पत्र आपकी कोर्ट में भी प्रस्तुत करा दिया है। लेकिन मैं अपनी जमानत नहीं कराना चाहता हूं क्योंकि पुलिस छूटने के बाद मेरा एनकाउंटर करना चाहती है।
सीजेएम माननीय अचल प्रताप सिंह ने उसके बयान को गंभीरता से सुना और जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए आरोपी को जेल भेज दियाथा। आरोपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अवधेश कुमार शर्मा, रमाशंकर शर्मा एवं राहुल शर्मा ने सीजेएम कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र देकर आपत्ति की थी कि अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया गया तो हाथरस पुलिस हर हाल में उसका एनकाउंटर कर देगी ।
आरोपी विनय वर्मा उर्फ बिल्लू वर्मा निवासी हाथरस का एक केस थाना हरीपर्वत का चौथ वसूली का सन 2019 का विचाराधीन है जिसमें बिल्लू के विरुद्ध सन 2023 से गिरफ्तारी वारंट जारी थे ।आरोपी के अधिवक्ताओं ने विनय वर्मा को वारंट पर दिनांक 6 जून 24 को सी.जे.एम. कोर्ट में सरेंडर कराया था । हाथरस पुलिस इसी मामले को लेकर विनय वर्मा की जमानत कराकर उसको अपनी कस्टडी में लेना चाहती थी।
इसके लिए हाथरस पुलिस ने विनय वर्मा उर्फ बिल्लू वर्मा के भाई मोनू वर्मा तथा उसकी मां को सात आठ दिन पूर्व हिरासत में लेकर भाई के साथ थर्ड डिग्री इस्तेमाल की और उसका हाथ तक तोड़ दिया और जबरन दबाव बनाकर सीजेएम कोर्ट में एक जमानत प्रार्थना पत्र भाई मोनू वर्मा की तरफ से प्रस्तुत करा दिया था।
जिस पर बिल्लू वर्मा के अधिवक्ताओं ने आपत्ति करते हुए किसी तरह आरोपी की जान बचाई। सीजेएम कोर्ट में पुलिस आरोपी को करीब पौने दो बजे कोर्ट तक प्रस्तुत करने के लिए नही लाई थी लेकिन अधिवक्ताओं की पहल पर कोर्ट ने स्वयं आरोपी को दीवानी स्थित बंदी ग्रह से बुलवाया और अपने सामने पेश कराया तब आरोपी ने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते हुए सी.जे.एम से अपनी जेल भेजे जाने की फरियाद की थी।