पिता की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की खारिज
आगरा /प्रयागराज 28 नवंबर ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक पिता द्वारा दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को निर्रथक करार देते हुए सत्रह वर्ष आठ माह की नाबालिग लड़की द्वारा यह कहे जाने पर कि उसे अपने पिता के घर में खतरा है। उसकी सुरक्षा के लिए उसे नारी निकेतन भेज दिया जाय। जिस पर कोर्ट ने जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रयागराज को लड़की को बालिग होने तक नारी निकेतन में रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपर शासकीय अधिवक्ता को इस कार्य में निबंधक शिष्टाचार का सहयोग लेने को कहा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने सतीष व अन्य की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है।
याचिका में लड़की को विपक्षियों की अवैध निरूद्धि से मुक्त कराने की मांग की गई थी। कोर्ट ने लड़की को पेश करने का आदेश दिया और उसने हाजिर होकर याचिका के आरोपों को सिरे से नकार दिया। कहा वह अपनी मर्जी से गई है विपक्षियों का उससे कोई सरोकार नहीं है।
उसने कहा पहले देहरादून अपनी सहेली के पास जॉब के लिए गयी। पिता ने अनुज व उसके परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी । लड़की ने पिता द्वारा लिखाई गई रिपोर्ट को फर्जी बताया तो हाईकोर्ट ने अनुज को जमानत पर रिहा कर दिया। लड़की के पिता द्वारा फिर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई और आरोप फिर अनुज और उसके पिता, माता, दामाद पर लगाया और कहा कि इन लोगों ने हमारी लड़की को बंधक बनाया है और कहीं गायब कर दिया।
कोर्ट के आदेश पर लड़की खुद हरिद्वार से आकर उपस्थित हुई। बयान दिया कि सारी कहानी झूठी है, मैं 17 साल 8 महीने से ज्यादा उम्र की हूँ मुझे किसी ने भगाया नही है ।
मैं खुद बच्चों की कोचिंग लेती हूँ। मैं हरिद्वार से खुद आई हूँ ।जिनके ऊपर मुझे लापता करने का आरोप है उनसे मेरा कोई संबंध नहीं ।अगर मुझे पिता की कस्टडी में दिया गया तो मेरी जान का खतरा है। इसलिए हम पिता के साथ नहीं जा सकते।
हमें सुरक्षा और संरक्षण चाहिए। आप हमे नारी निकेतन भेज दीजिये, कोर्ट ने परिस्थितियों पर विचारोपरांत लडकी को नारी निकेतन भेज दिया। विपक्ष की तरफ से बी.डी. निषाद भूपेन्द्र एडवोकेट हाईकोर्ट ने बहस की तो कोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण हैवियस याचिका को खारिज कर दिया ।
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Group Bulletin & Channel Bulletin
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मृतक आश्रित कोटे में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति को दिया असंवैधानिक करार - April 19, 2025
- इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई दाखिल फतेहपुर में मस्जिद ध्वस्तीकरण के डीएम के आदेश के खिलाफ याचिका - April 19, 2025
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा वैदिक या हिंदू रीति-रिवाजों से संपन्न विवाह हिंदू विवाह अधिनियम के तहत वैध,विवाह स्थल महत्वपूर्ण नहीं, संस्कार जरूरी - April 18, 2025