सगे भतीजे ने किया था जघन्य कृत्य
चाचा के पांच वर्षीय पुत्र से किया था अप्राकृतिक कृत्य
सबूत नष्ट करने के उद्देश्य से कर दी थी अपने भाई की हत्या
गेंहू के खेत से क्षत विक्षत हालत में मिला था शव
आवारा जानवरों ने कर दी थी बच्चें के शव की दुर्गति
आगरा 24 सितंबर।
अपहरण, अप्राकृतिक कृत्य, हत्या एवं सबूत नष्ट करने के मामले में आरोपित बाल अपचारी को दोषी पाते हुये विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट माननीय कुंदन किशोर सिंह ने आजीवन कारावास एवं 13 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है।
थाना निबोहरा में दर्ज मामले के अनुसार वादी मुकदमा ने थाने पर तहरीर दें आरोप लगाया कि 14 मार्च 2016 को वादी और उसकी पत्नी खेत पर काम कर रहे थे । वादी का पांच वर्षीय पुत्र भी खेत पर मौजूद था।
इस बीच प्यास लगने पर वह घर आ गया । शाम 5.30 बजे करीब घर के बाहर खेलने के दौरान वादी के बड़े भाई का पुत्र उसे उठा कर निर्जन स्थान में ले गया। आरोपी ने अपने छोटे भाई के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया ।
इसके बाद सबूत नष्ट करने के उद्देश्य से अपने चाचा के पुत्र की हत्या कर दी। वादी के पुत्र की लाश क्षत विक्षत हालत में गांव के गेहूं के खेत से बरामद हुई थी। आवारा जानवरो ने शव की दुर्गति कर दी थी। घटना कें 6 दिन बाद पुलिस ने बाल अपचारी को हिरासत मे ले जेल भेजा था।

अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पुष्टि हेतु वादी मुकदमा उसकी पत्नी, पुत्री सहित 11 गवाहों को अदालत में पेश किया था। शासन की तरफ से इस मुकदमे की पैरवी विशेष लोक अभियोजक विमलेश आनन्द द्वारा की गई।
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विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट माननीय कुंदन किशोर सिंह द्वारा बाल अपचारी को पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य और विशेष लोक अभियोजक विमलेश आनंद के ठोस तर्कों के आधार पर दोषी पाते हुये आजीवन कारावास एवं 13 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया।
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