आगरा।
जनपद न्यायालय के एक सेवानिवृत्त स्टेनो द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए, सीजेएम माननीय मृत्युंजय श्रीवास्तव ने पत्नी श्रीमती पूनम पुत्री विनोद कुमार, निवासी ग्राम किशन पुर, मोहम्मदाबाद, जिला फिरोजाबाद, के विरुद्ध पति की हत्या और अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश थानाध्यक्ष सिकन्दरा, जिला आगरा, को दिए हैं।
यह है मामला:
जनपद न्यायालय, आगरा से सेवानिवृत्त स्टेनो रमन कुमार तिवारी, निवासी शिवलिंग कॉलोनी, थाना सिकन्दरा, ने सीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि उनके पुत्र आशीष तिवारी ने 3 मई 2022 को गैर जाति की युवती पूनम से प्रेम विवाह किया था।
वादी के अनुसार, प्रेम विवाह के कुछ दिन बाद ही उनकी पुत्रवधू पूनम उनके पुत्र और परिजनों को परेशान करने लगी तथा झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी देती थी।

वादी की पुत्रवधू पूनम एक प्राइवेट नर्सिंग होम में नर्स के रूप में कार्यरत है। वादी ने आरोप लगाया कि 4 सितम्बर 2025 को पुत्रवधू ने उनके पुत्र आशीष तिवारी से गाली-गलौज की।
इसके बाद, रात्रि 12:45 बजे के करीब, पुत्रवधू ने वादी के दूसरे पुत्र भुवनेश तिवारी को आवाज़ लगाकर बताया कि शाम 7 बजे आशीष तिवारी ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी है।
भुवनेश तिवारी जब भागकर अपने भाई आशीष तिवारी के कमरे में पहुंचे, तो उन्होंने अपने भाई को पलंग पर मृत अवस्था में पाया। पूछने पर पुत्रवधू ने बताया कि आशीष तिवारी ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली है और उसने अकेले ही उन्हें पंखे से उतारकर पलंग पर लिटाया है।
पिता का गंभीर आरोप:
वादी रमन कुमार तिवारी ने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया कि पंखा सही-सलामत था, उनके पुत्र का वजन लगभग 100 किलो था, और उनकी गर्दन पर भी फांसी का कोई निशान नहीं था। इन तथ्यों के आधार पर, उन्होंने पुत्रवधू पर हत्या का आरोप लगाया।
सीजेएम माननीय मृत्युंजय श्रीवास्तव ने वादी के अधिवक्ता चौधरी समीर के तर्कों को सुनने के बाद पत्नी श्रीमती पूनम के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना के आदेश थानाध्यक्ष सिकन्दरा को दिए हैं।
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